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गुजरात: वनवासी कल्याण के लिए 15 हजार करोड़

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सदियों से वनों में निवास करने वाली जनजातियों को वनभूमि पर मालिकाना हक देने के केंद्र सरकार के कानून की तरफदारी करते हुए गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह वनवासियों के कल्याण पर 15 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है। यही नहीं, राज्य सरकार ने वनों में निवास करने वाले जनजातीय लोगों को जनस्वास्थ्य सुविधा, शिक्षा, अधिकार, स्वच्छता और अनाज वितरण की सरकारी योजना [पीडीएस] का लाभ...

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ये बेहाल सूरतें लेकिन गहरी नींद में है समाज

छपरा [कृष्णकांत]। 'खिलौना जान कर तुम तो मेरा दिल तोड़ जाते हो..।' बहुत दुश्मन दौर के गहरे धंसी टीस का बेतरतीब बयान है यह गीत- फिल्म 'खिलौना' का। गाना मशहूर अभिनेता स्व. संजीव कुमार पर फिल्माया गया था-जो अब रीयल लाइफ में भी कई ऐसे लोगों पर घट रहा है, जिनकी रातें बेचैनियों में कटीं। वे सुखिया नहीं है कि खाते और सोते। दुखिया है इसलिए कि जाग गये, जान गये। अब रो-रो कर असहज...

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छ्त्तीसगढ़ में एक गांधीवादी की शांति की पहल

जनआंदोलनों और नागरिक संगठनों  के राष्ट्रीय गठबंधन एनएपीएम ने  प्रसिद्ध गांधीवादी हिमांशु कुमार के छत्तीसगढ़ में शांति और सुशासन स्थापित करने की मांग के प्रति अपना पूर्ण समर्थन जताया है। श्री कुमार वनवासी चेतना आश्रम से संबद्ध हैं। गौरतलब है कि श्री हिमांशु कुमार छ्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा इलाके में गुजरे 26 दिसंबर से अनियतकालीन उपवास पर हैं। उन्होंने यह उपवास माओवादियों पर सरकार द्वारा नये सिरे से कार्रवाई करने की खबरों...

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सरकारी भूमि के खनन करने वाले स्टोन क्रशरों पर रोक

शिमला. प्रदेश सरकार ने सरकारी भूमि से खनन करने वाले सभी स्टोन क्रशरों पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है। जब तक यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है तब तक किसी भी स्टोन क्रशर मालिक के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। इसी तरह नए लाइसेंस जारी करने पर भी विभाग ने रोक लगा दी है। राज्य में वर्तमान में लगभग 300 स्टोन क्रशर खनन कर रहे हैं और इस निर्णय की...

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कितना भूखा है मध्यप्रदेश: शिरीष खरे

झाबुआ, मध्यप्रदेश: कुपोषण ने दो दर्जन से ज्यादा बच्चों को निगला है- यह हाल आदिवासी जिले झाबुआ का है, जहां मेघनगर ब्लाक के अगासिया और मदारानी गांवों में बच्चों की मौत का सिलसिला है कि टूटता ही नहीं। फिलहाल पूरा मध्यप्रदेश ही इतना भूखा है कि यहां न जाने क्यों भूख का नामोनिशान है कि मिटता ही नहीं ?केवल अक्टूबर में ही झाबुआ के इन 2 गांवों से 25 बच्चों...

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