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कई अध्ययन लेकिन एक निष्कर्ष - कोरोना लॉकडाउन ने देशव्यापी स्तर पर गरीबों को सबसे अधिक प्रभावित किया

सूखे राशन के प्रावधान के माध्यम से प्रवासी और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, सामुदायिक रसोई चलाने और 'वन नेशन वन राशन कार्ड' योजना के उचित कार्यान्वयन से संबंधित भारत के सर्वोच्च न्यायालय के हालिया फैसले (कृपया यहां और यहां क्लिक करें) हमारे लिए किसी भी तरह से आश्चर्यजनक नहीं है. ज्यां द्रेज और अनमोल सोमांची द्वारा कुछ अध्ययनों की हालिया समीक्षा, जो बहु-राज्य सर्वेक्षणों (या...

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दूसरी लहर ग्रामीण जीवन पर कहर बरपा रही है, क्या यह ग्रामीण आजीविका को भी प्रभावित करेगी?

इस साल मार्च के बाद से हर रोज कोविड-19 के नए मामलों और मौतों में वृद्धि होने के बाद मीडिया ने रिपोर्ट (कृपया यहां और यहां क्लिक करें) किया कि प्रवासी कामगार अपने प्रवास स्थलों से मूल स्थानों (यानी मूल स्थानों) पर वापस लौट रहे हैं. शहरों और बड़े औद्योगिक कस्बों में जहां समाज के हाशिए के वर्गों से अनौपचारिक और कम कुशल श्रमिक मौसमी रूप से प्रवास करते हैं,...

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तीन-चौथाई जरूरतमंद परिवारों को सितम्बर 2020 में नहीं मिला मुफ्त राशन: सर्वे

-डाउन टू अर्थ, सितम्बर 2020 में तीन-चौथाई जरूरतमंद गरीब परिवारों को मुफ्त राशन नहीं मिला था, जबकि वो उसके पात्र थे। यह जानकारी अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी द्वारा किए सर्वेक्षण में सामने आई है। यही नहीं सर्वे के मुताबिक जन धन खाताधारकों में से 30 फीसदी पात्र खाताधारकों को उनके खाते में सहायता राशि नहीं मिली है। लॉकडाउन के बाद देश में रोजगार की स्थिति को समझने के लिए अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी ने...

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किसानों की आय दोगुनी करने का पीएम मोदी का वादा कैसे होगा पूरा?

-बीबीसी, लॉकडान के दौरान जब 2020-21 की पहली तिमाही में जीडीपी 23.9 प्रतिशत और दूसरी तिमाही में 7.5 प्रतिशत गिरी तो कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था को राहत देने वाला क्षेत्र था. लेकिन इससे भारत के अधिकतर किसानों की आमदनी पर कोई फर्क नहीं पड़ा. भारत के प्रधानमंत्री का साल 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा भी अब दूर का सपना ही लगता है. सरकार की नीतियों का असर क्या आगामी बजट में...

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पेरेंट्स चाहते हैं कि स्कूल फिर से खुलें, ऑनलाइन कक्षाएं कारगर नहीं- अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी की स्टडी

-द प्रिंट, बेंगलुरू स्थित अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी की पांच राज्यों में की गई एक स्टडी में पता चला है कि पब्लिक स्कूलों में ऑनलाइन शिक्षा कारगर साबित नहीं हो रही है और स्कूलों के फिर से खुलते ही पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं. मिथ्स ऑफ ऑनलाइन एजुकेशन नामक इस स्टडी में, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में 1,522 पेरेंट्स और 398 टीचर्स से सवाल किए गए थे. सोमवार...

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