स्वामीनाथ शुक्ल, अमेठी। नए राशन कार्डों के सत्यापन में बीपीएल और अन्त्योदय के पात्र लाभार्थियों के साथ खुलेआम धोखाधड़ी हो रही है। हेरा-फेरी के इस खेल में बांग्लादेशी बी भारत की नागरिकता ले रहे हैं। यहां पांच हजार रुपए में बीपीएल और दस हजार में अन्त्योदय राशन योजना का कार्ड मिल जा रहा है। बीपीएल सूची में नाम बढ़वाने और कटवाने के इस खेल में ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम प्रधान...
More »SEARCH RESULT
छत्तीसगढ़ खाद्यसुरक्षा कानून- कुछ तथ्य
21 दिसंबर को छत्तीसगढ़ ने खाद्य सुरक्षा कानून पारित किया। यह क़ानून राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक से बेहतर है, जो एक साल से अधिक समय से संसद में पड़ा हुआ है। छत्तीसगढ़ खाद्य सुरक्षा कानून के अनुसार, राज्य के 90% लोगों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सस्ता राशन मिलेगा। इनमे से अधिकतर लोग प्राथमिक या अन्त्योदय श्रेणी में होंगे और 35 किलो अनाज व 2 किलो दाल या चना...
More »आप कितने सही हैं, डॉ सिंह?- पी साईनाथ( अनुवाद-मनीष शांडिल्य)
प्रिय प्रधानमंत्री जी, मुझे यह जानकर खुशी हुई कि सुप्रीम कोर्ट को ‘‘सम्मानपूर्वक’’ फटकारते हुए आप ने कहा है कि अनाज, सड़ते हुए खाद्यान्न का निपटारा जैसे सभी सवाल नीतिगत मामले हैं. आप बिल्कुल सही कह रहे हैं और बहुत दिनों बाद ऐसा किसी ने कहा है. ऐसा कर आप संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सार्वजनिक बयानबाजी में ईमानदारी लाने की एक छोटी-सी कोशिश कर रहे हैं, जिसकी बहुत कमी महसूस की जा रही थी. बेशक यह...
More »35 हजार करोड़ के खाद्यान्न घोटाले में खाद्य मंत्री रघुराज प्रताप के पूर्व पीआरओ तलब- विजय उपाध्या??
लखनऊ। उप्र के 35 हजार करोड़ से अधिक के खाद्यान्न घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ ने अखिलेश सरकार के खाद्य एवं रसद मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के पूर्व जनसंपर्क अधिकारी पीआरओ राजीव कुमार यादव को नोटिस देकर तलब किया है। सीबीआइ ने यादव को एक सप्ताह अंदर सीबीआई के लखनऊ आफिस में उपस्थित होकर बयान देने के लिए कहा है। सीबीआई ने बुधवार को खाद्यान्न घोटाले से जुड़े...
More »राजा ने लूटी रंकों की रोटी- आशीष खेतान(तहलका, हिन्दी)
सपा की पिछली सरकार में खाद्य और आपूर्ति विभाग के मंत्री रहे राजा भैया ने जन वितरण प्रणाली में घोटाले के जरिए 100 करोड़ रुपये बनाए. वे एक बार फिर से उसी विभाग के मंत्री हैं. उनके कारनामों को आशीष खेतान उजागर कर रहे हैं यह किसी केंद्रीय मंत्री और बड़े औद्योगिक घराने के बीच हुए अनैतिक लेन-देन की कहानी नहीं है. यह कहानी है हमारे समाज के सबसे वंचित और शोषित तबके...
More »