मोंगाबे हिंदी, 9 अक्टूबर पाही भूमिज उस दिन को याद करके कांप उठती हैं। वह कहती हैं कि मौत से बच निकलने के लिए वह ऊपर वाले की शुक्रगुजार है। भूमिज असम के शिवसागर जिले के एक गांव में रहती हैं। इस साल पांच मई को वह अपने गांव से सटे एक चाय बागान में काम करने गई। 16 साल की भूमिज को चाय के पत्ते तोड़ने के लिए अस्थायी रूप से...
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हिमाचल में स्क्रब टाइफस पीड़ितों की संख्या 1,000 पहुंची, 15 की मौत
डाउन टू अर्थ, 27 सितम्बर हिमाचल में इस साल स्क्रब टायफस के मामलों में रिकाॅर्ड बढ़ोतरी देखी गई है। पिछले साल के मुकाबले अभी तक दो गुणा से अधिक स्क्रब टायफस के मामले देखने को मिल चुके हैं। पिछले वर्ष 500 स्क्रब टायफस के मामले देखने को मिले थे, वहीं अभी तक संक्रमितों की संख्या 1 हजार से अधिक पहुंच चुकी है और 15 लोगों की जानें जा चुकी हैं। बरसात...
More »झारखंड: 500 दिनों बाद कहां पहुंचा कुपोषण के खिलाफ महाअभियान?
इंडियास्पेंड, 05 सितम्बर सिमडेगा में कार्यरत दिहाड़ी मजदूर मुकेश सोरंग के पुत्र रितेश सोरंग (उस समय उम्र तीन महीना) का वजन डॉक्टरों ने मार्च 2023 में सामान्य से 40 प्रतिशत कम पाया था और इसी सिलसिले में रितेश को सदर अस्पताल के कुपोषण उपचार केंद्र में भर्ती कराया गया। रितेश के शरीर के हर हिस्से से हड्डियों का ढांचा नजर आता था। लेकिन जब 16 अप्रैल 2023 को उसे कुपोषण उपचार केंद्र...
More »कटी हुई अँगुलियाँ और चमचमाती कारें
क्या आप जानते हैं कि आपकी कार बनाते समय कितने लोगों की अँगुलियाँ कट गई थी ? आपने जिस भी कंपनी से कार खरीदी है, क्या वहाँ सुरक्षा मानकों की पालना की जा रही थी ? मजदूरों की सुरक्षा के लिए कौनसे कदम उठाएँ गए हैं ? क्या वो पर्याप्त हैं ? इसी तरह के सवाल का ज़वाब तलाशती है– ‘सेफ इन इंडिया’ की रिपोर्ट – सेफ्टी–नीति 2023 और CRUSHED 2022. ऑटो–मोबाइल क्षेत्र,...
More »पीएम जन आरोग्य योजना के तहत ‘मृत’ मरीज़ों के इलाज के लिए 6.9 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ: कैग
द वायर , 17 अगस्त आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के ऑडिट में अनियमितताओं को चिह्नित करते हुए भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने कहा है कि इसके तहत 3,446 मरीजों के इलाज के लिए 6.97 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जिन्हें डेटाबेस में पहले ही मृत घोषित कर दिया गया था. 2018 में शुरू की गई यह योजना स्वास्थ्य देखभाल की मांग करने वाली गरीब और कमजोर...
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