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खबरदार

  खास बात • गंगोत्री ग्लेशियर सालाना ३० मीटर की गति से सिकुड़ रहा है।* • अगर समुद्रतल की ऊंचाई एक मीटर बढ़ती है तो भारत में ७० लाख लोग विस्थापित होंगे।* • पिछले बीस सालों में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी जिवाश्म ईंधन के दहन से हुई है।* • मानवीय क्रियाकलापों के कारण ग्लोबल ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अगर औद्योगीकरण के पहले के समय से तुलना करें तो मानवीय क्रियाकलापों...

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आर्सेनिक डॉक्यूमेंट्री: बंगाल के विधवा गांव और मानवाधिकार का सवाल

-न्यूजलॉन्ड्री, कोलकाता से कोई 70 किलोमीटर दूर बशीरहाट ब्लॉक के पश्चिम पाड़ा गांव में 65 साल की सोइबा बाला बार-बार आर्सेनिक पर अपनी व्यथा बयां कर थक चुकी हैं. करीब 15 साल पहले उनके पति निरंजन बाला की मौत आर्सेनिकोसिस से हो गई. वह बांग्ला में अपने परिवार की आपबीती हमें सुनाती हैं. हताशा और बेबसी से कहती हैं कि 15 सालों में आर्सेनिक समस्या पर बात करने के लिए डॉक्टरों,...

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विश्व होम्योपैथी दिवस: हर दौर में भरोसेमंद

-आउटलुक, विश्व होम्योपैथी दिवस (10 अप्रैल) पर होम्योपैथी के जनक डॉ. हैनिमैन के जन्मदिवस पर शत् शत् नमन। होम्योपैथी को एक चिकित्सा पद्धति के रूप में स्थापित करने का श्रेय डॉक्टर सैमुअल हैनिमैन को जाता है जिन्होंने जर्मनी में अठारहवीं सदी में होम्योपैथी को स्थापित किया। भारत में होम्योपैथी बहुत तेजी से लोकप्रिय हुआ और दूसरी चिकित्सा पद्धतियों के साथ रोगियों के रोगों के उन्मूलन में अग्रणी भूमिका निभाने लगा। भारत में...

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छत्तीसगढ़ के एक गांव में 15 साल में 130 किडनी की बीमारी से मौतें हुईं, वजह कोई नहीं जानता

-द प्रिंट, छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा और 9 अन्य गावों में किडनी की क्रोनिक बीमारी से पिछले 15 सालों में होने वाली 130 मौतें एक पहेली बनी हुई हैं वहीं इस इलाके की करीब 10-15 हजार की आबादी इसकी जद में आ चुकी है. राज्य सरकार का कहना है कि रायपुर से करीब 250 किलोमीटर दूर देवभोग हीरा खदान के पास स्थित इन गांवों में फैली क्रोनिक किडनी डिसीज़ (सीकेडी)...

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जल शक्ति मंत्रालय की हर घर जल योजना में पानी के साथ आर्सेनिक भी घर-घर पहुंचेगा

-द प्रिंट, बिल्ली होती है ना, बिल्ली.  वह क्या करती है, दूध पीते समय अपनी आंखें बंद कर लेती है और सोचती है कि कोई उसे देख नहीं रहा. यही हाल पानी से जुड़ी सभी ऐजेंसियों को जोड़कर बनाए गए जलशक्ति मंत्रालय का भी है. गंगा पथ पर पानी की गुणवत्ता जांचे बिना वह हर घर नल जल पहुंचाने में जुटा है. डिटेल में जाने से पहले सौरभ सिंह की छोटी सी...

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