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जानलेवा पीएम : बच्चों की अटक रहीं सासें, अस्पतालों में लगी हैं लंबी कतारें

डाउन टू अर्थ, 06 नवम्बर  दिल्ली में श्वसन संबंधी समस्याओं को लेकर अस्पताल के ओपीडी और इमरजेंसी में 5 साल से कम उम्र वाले बच्चों की कतार लगी हैं। दिल्ली के खतरनाक प्रदूषण के बीच बच्चों के अस्पतालों या वार्डों में डरावना दृश्य दिखाई दे रहा है। दिल्ली के गीता कॉलोनी स्थित एकमात्र सरकारी बाल चिकित्सालय चाचा नेहरू अस्पताल (सीएनबीसी) में इमरजेंसी बेड पर 3 साल का विशाल प्रजापति बिल्कुल सुस्त...

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भगियाओं की नई पीढ़ी ने अपने पेशे से मुंह मोड़ा , कच्छ में विलुप्त हो रहा मवेशियों के इलाज का पारंपरिक ज्ञान

इंडियास्पेंड, 25 सितम्बर कई साल पहले, जब कच्छ सूखे से जूझ रहा था, तो एशिया के सबसे बड़े खुले घास के मैदान बन्नी में सलीम मामा के गांव के लोगों ने और बेहतर जगह की तलाश में पलायन करना शुरू कर दिया। लेकिन सलीम मामा इनमें शामिल नहीं थे। उन्होंने गांव छोड़ने से इंकार कर दिया। सलीम ‘भगिया’ यानी वह एक ऐसे स्थानीय विशेषज्ञ थे, जिनसे बड़े पैमाने पर देहाती समुदाय...

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राजस्थानः 2021 में तस्करों से बचाई गई हथिनी को पुनर्वास का इंतजार

मोंगाबे हिंदी, 13 सितम्बर राजस्थान में, 500 दिन पहले तस्करों से बचाई गई एक हथिनी अभी भी पुनर्वास के लिए उचित जगह का इंतजार कर रही है। इसकी तबीयत लगातार खराब होती जा रही है। दरअसल जहां इसे रखा गया है वहां बचाए गए हाथियों के इलाज के लिए उचित सुविधा नहीं है। अधिकारियों को नहीं पता कि आगे क्या होगा।  18 नवंबर, 2021 को, राजस्थान के वन विभाग ने राज्य की...

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पीएम जन आरोग्य योजना के तहत ‘मृत’ मरीज़ों के इलाज के लिए 6.9 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ: कैग

द वायर , 17 अगस्त  आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के ऑडिट में अनियमितताओं को चिह्नित करते हुए भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने कहा है कि इसके तहत 3,446 मरीजों के इलाज के लिए 6.97 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जिन्हें डेटाबेस में पहले ही मृत घोषित कर दिया गया था. 2018 में शुरू की गई यह योजना स्वास्थ्य देखभाल की मांग करने वाली गरीब और कमजोर...

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छत्तीसगढ़ः हाथियों की सिर्फ 1% आबादी के बावजूद क्यों बढ़ रहा है मानव-हाथी संघर्ष

मोंगाबे हिंदी, 24 मई छत्तीसगढ़ के बालोद ज़िले के कुंजकन्हार गांव की रहने वाली 60 साल की गीताबाई को शायद अनुमान नहीं रहा होगा कि घर से सुबह-सुबह बाहर निकलना उनके लिए जानलेवा साबित होगा। 16 मई की सुबह जब वो घर से निकल कर खेत की ओर गईं तभी एक जंगली हाथी ने उन्हें कुचल कर मार डाला। इसी तरह 15 मई की सुबह सुरजपुर ज़िले के बगड़ा गांव के 55...

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