मोंगाबे हिंदी, 14 दिसम्बर अट्ठाईसवें कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ (कॉप28) ने सम्मेलन के पहले दिन जलवायु हानि और क्षति के लिए एक फंड शुरू करने का निर्णय देकर इतिहास रच दिया। लेकिन जैसे-जैसे दो सप्ताह के शिखर सम्मेलन का अंत नजदीक आ रहा है, वित्त, जलवायु कार्रवाई में समानता और – सबसे महत्वपूर्ण रूप से – जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने से संबंधित मामलों पर एकता की कमी, बाकी...
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कॉप-28: लंबी खींचतान के बाद क्लाइमेट पर नए प्रस्ताव पर सहमति लेकिन नीयत सवालों के घेरे में
कार्बनकॉपी, 14 दिसम्बर लंबी खींचतान के बाद आखिरकार दुबई वार्ता में एक नए क्लाइमेट प्रस्ताव पर सहमति हो गई लेकिन इसमें जीवाश्म ईंधन के प्रयोग को खत्म करने या भारी कटौती के लिए प्रावधानों का अभाव है। पिछले दो हफ्ते से संयुक्त अरब अमीरात की मेजबानी में हुए इस सम्मेलन में कई विवाद उठे और जीवाश्म ईंधन, क्लाइमेट फाइनेंस और एडाप्टेशन जैसे मुद्दों पर गहरी चर्चा हुई। हालांकि सम्मेलन के पहले...
More »साल 2023 में जीवाश्म सीओ2 उत्सर्जन के 40 अरब मीट्रिक टन से अधिक होने के आसार: रिपोर्ट
डाउन टू अर्थ, 07 दिसम्बर ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट साइंस टीम के नए शोध के अनुसार, जीवाश्म ईंधन से दुनिया भर में कार्बन उत्सर्जन साल 2023 में फिर से बढ़कर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। वार्षिक वैश्विक कार्बन बजट में जीवाश्म कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) के 2023 में 36.8 अरब मीट्रिक टन जो 2022 से सीओ2 उत्सर्जन से 1.1 फीसदी अधिक है। 2023 संस्करण के 18वीं वार्षिक रिपोर्ट जर्नल अर्थ सिस्टम साइंस डेटा...
More »दुबई कॉप28: हानि और क्षति, जलवायु कार्रवाई और जीवाश्म ईंधन का चरणबद्ध होना प्रमुख मुद्दे
मोंगाबे हिंदी, 01 दिसम्बर जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क के लिए पार्टियों का 28वां वार्षिक सम्मेलन कॉप28 (COP28) शुरू हो रहा है। इस दौरान देश और पार्टी ब्लॉक उन विषयों पर अपनी स्थिति का मूल्यांकन कर रहे हैं जो वैश्विक स्तर पर जलवायु कार्रवाई के भविष्य के संकेत दे सकते हैं। दुबई में 30 नवंबर से 12 दिसंबर के बीच होने वाली बैठक से पहले अमेरिका और चीन ने एक संयुक्त...
More »दिल्ली-एनसीआर में एक ही दिन में प्रदूषण पीएम 2.5 का स्तर 68 फीसदी बढ़ा
डाउन टू अर्थ, 06 नवम्बर नवंबर की शुरुआत में एक ही दिन के भीतर दिल्ली-एनसीआर में पीएम 2.5 का स्तर आश्चर्यजनक तरीके से 68 प्रतिशत तक बढ़ गया। यह बात सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) ने अपने एक नए विश्लेषण में कही है। विश्लेषण में कहा गया है कि यह प्रदूषण अति गंभीर स्थिति को दर्शाता है। सीएसई का कहना है कि इस गंभीर स्थिति के बाद दिल्ली और एनसीआर में...
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