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एंटीजन और आरटी-पीसीआर टेस्ट में उलझ कर जान गंवाते कोरोना मरीज

-कारवां, 9 अगस्त को मेनकांत गुप्ता और उनके परिवार के आठ सदस्य 54 वर्षीय पिता एन वेंकट राव के लिए आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम जिले के 30 निजी अस्पतालों में बेड की तलाश में जुटे थे. राव ने कोविड-19 का एक रैपिड एंटीजन टेस्ट करवाया था और जांच रिपोर्ट नकारात्मक थी लेकिन उन्हें सांस नहीं आ रही थी और बेहद थके हुए थे और उनकी तबियत बिगड़ती चली जा रही थी....

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49 दिनों में दिल्ली में कोरोना के सबसे कम मामले दर्ज, 954 मरीज नए; एम्स निदेशक- लगता है ये पीक को छू चुका है

-आउटलुक, राजधानी दिल्ली में बीते सात हफ्तों में पहली बार सोमवार को कोरोना वायरस के नए मामलों की संख्या 1,000 से कम रही। एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने सोमवार को कहा कि रोजाना संक्रमण के घटते मामलों के मद्देनजर लगता है कि दिल्ली कोविड-19 के चरम को छू चुका है। हालांकि, उन्होंने महामारी से निपटने के प्रयासों में किसी भी तरह की ढिलाई को लेकर आगाह किया। इस बीच, मामलों में...

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मच्छर जनित रोगों से उलझन भरी लड़ाई-- अरविन्द जैन

बरसात के बाद फैलने वाले डेंगू और चिकनगुनिया जैसे मच्छर जनित रोगों से देश को एक उलझन भरी लड़ाई लड़नी पड़ रही है। इन दोनों ही रोगों का इलाज उतना कठिन नहीं है, जितना कि इस पूरी समस्या से निपटना। डॉक्टर लक्षण के आधार पर इनके इलाज की सलाह देते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ( डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, डेंगू का पता लगाने का शुरुआती तरीका है एनएस-1 एंटीजन टेस्ट, जो बुखार...

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नसबंदी काण्ड का सबक, बदलेगा दवाओं का कानून

आवेश तिवारी ,नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में नसबंदी से हुई मौतों में दवाओं की अशुद्धि को जिम्मेदार बताने के दावों के बीच केंद्र सरकार औषधि नियंत्रण के कानून में व्यापक बदलाव करने जा रही है। औषधि और कास्मेटिक (संशोधित ) एक्ट-2014 नाम का यह प्रस्तावित कानून आगामी बजट सत्र में संसद के समक्ष रखा जा सकता है । इसमें दवाओं और कास्मेटिक पदार्थों के साथ साथ चिकित्सा कार्य में प्रयुक्त होने...

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शिक्षा

खास बात • साल १९९३-९४ में ग्रामीण इलाकों में पुरुष साक्षरता की दर(राष्ट्रीय स्तर) ६३ फीसदी थी जो साल १९९९-२००० में बढ़कर ६८ फीसदी हो गई।* • साल १९९३-९४ में ग्रामीण इलाकों में महिला साक्षरता की दर(राष्ट्रीय स्तर) ३६ फीसदी थी जो साल १९९९-२००० में बढ़कर ४३ फीसदी हो गई।*  • भारत के ग्रामीण अंचल में अनुसूचित जनजाति के तबके के लोगों में साक्षरता दर सबसे कम(४२ फीसदी) पायी गई है। इसके तुरंत बाद अनुसूचित...

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