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दिल्ली सहित कई शहरों में आवास और आजीविका के विस्थापन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

~ प्रेस विज्ञप्ति नई दिल्ली, 6 सितंबर, 2022: आज जब हम 76वें स्वतंत्रता दिवस और आज़ादी का अमृत महोत्सव को मना रहे हैं, उसी समय झुग्गियों, बस्ती कॉलोनियों में रहने वाले और असंगठित क्षेत्र के हजारों श्रमिकों को उनके घरों से बेदखल कर दिया गया है, जिन्हें बिना किसी पुनर्वास के अपनी आजीविका से वंचित भी कर दिया गया है, वे "बुलडोजर राज" के खिलाफ़ जंतर-मंतर पर अपनी आवाज उठाने के...

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असम में 2021 के दौरान अपराध के मामलों में 10% इजाफा : NCRB

एनडीटीवी इंडिया, 31 अगस्त  अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021 में असम में अपराध के मामलों की संख्या लगभग 10 प्रतिशत बढ़कर 1.33 लाख से अधिक हो गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि असम में पिछले साल अपराध के 1,33,239 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2020 में 1,21,609 मामले दर्ज किए गए थे. इनमें से 1,19,883 मामले भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के अपराध थे. यह...

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खबरदार

  खास बात • गंगोत्री ग्लेशियर सालाना ३० मीटर की गति से सिकुड़ रहा है।* • अगर समुद्रतल की ऊंचाई एक मीटर बढ़ती है तो भारत में ७० लाख लोग विस्थापित होंगे।* • पिछले बीस सालों में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी जिवाश्म ईंधन के दहन से हुई है।* • मानवीय क्रियाकलापों के कारण ग्लोबल ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अगर औद्योगीकरण के पहले के समय से तुलना करें तो मानवीय क्रियाकलापों...

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जेंडर

खास बात   साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38%  फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...

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गांव में अपराध: क्या सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं से फर्क पड़ता है?

-गांव सवेरा, ग्रामीण भारत में गरीबी के उन्मूलन और आर्थिक विकास हेतु अच्छी बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच होना महत्वपूर्ण है। यह लेख, भारत मानव विकास सर्वेक्षण (आईएचडीएस) के 2004-05 और 2011-12 के आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए दर्शाता है कि पक्की सड़कों से जुड़े गांवों के परिवारों में अपराध, श्रम बल की भागीदारी और पारिवारिक आय के सन्दर्भ में उन गांवों में रहने वालों की तुलना में बेहतर परिणाम पाए गए...

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