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डामर के बिल लिए बगैर 105 करोड़ का भुगतान : कैग रिपोर्ट

भोपाल। प्रदेश के 90 मुख्य जिला मार्ग (एमडीआर) और 437 अन्य सड़कों के निर्माण में डामर (बिटुमिन) में ठेकेदारों ने रिफाइनरियों से डामर खरीदने के मूल बिल ही नहीं दिए और लोक निर्माण विभाग ने 105 करोड़ करोड़ का भुगतान कर दिया। यह खुलासा बुधवार को विधानसभा में टेबल हुई कैग की रिपोर्ट में हुआ है। कैग ने बताया कि 200 सड़कों का नवीनीकरण राष्ट्रीय राजमार्ग या राज्य राजमार्गों के...

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सालाना 10 लाख बच्चे होते हैं टीबी का शिकार

एक ओर जहां पूरी दुनिया सोमवार को विश्व टीबी दिवस मना रही है, वहीं दूसरी और एक शोध से पता चला है कि चिकित्सा में सुधार और सरकार तथा सहायता एजेंसियों के प्रयासों के बावजूद 2011 से अब तक तपेदिक (टीबी) का शिकार होने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर दोगुनी हो गई है। बोस्टन में ब्रिघम एंड वूमेंस हॉस्पिटल (बीडब्ल्यूएच) और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल (एचएमएस) के शोधकर्ताओं का अनुमान है कि...

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विश्व टीबी दिवस : 95 फीसदी टीबी विकासशील देशों में

दुनियाभर में प्रति वर्ष 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस का आयोजन किया जाता है. यह मौका एक बार फिर दुनिया का ध्यान एक ऐसी बीमारी की ओर ले जाने का है, जिससे मरनेवाले 95 फीसदी लोग विकासशील देशों से हैं. इस बीमारी से ग्रसित लोगों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच नहीं होने के चलते अभी भी सालाना तीस लाख से ज्यादा लोगों को बचा पाना एक चुनौती बनी हुई...

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टीडीआर-टीबी की सभी दवाएं बेअसर!

नई दिल्ली. टोटल ड्रग रेजिस्टेंस (टीडीआर) टीबी को दबाने की केंद्र सरकार की कोशिश नाकाम हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मुंबई में टीडीआर-टीबी के 12 में से 6 मरीजों पर रोकथाम की सभी दवाएं बेअसर हैं। ये मामले जनवरी में पहली बार सामने आने पर मंत्रालय की जांच टीम ने इन्हें एक्सट्रीम ड्रग रेजिस्टेंस (एक्सडीआर) टीबी का नाम देकर रफा-दफा करने की कोशिश...

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सवाल सेहत का

   खास बात •    सिर्फ 10 फीसदी भारतीयों के पास हेल्थ इंश्योरेन्स है और यह बीमा भी उनकी सेहत की जरुरतों के हिसाब से पर्याप्त नहीं है। *** •    अस्पताल में भर्ती भारतीय को अपनी सालाना आमदनी का 58 फीसदी इस मद में व्यय करना पड़ता है।*** •    तकरीबन 25 फीसदी भारतीय सिर्फ अस्पताली खर्चे के कारण गरीबी रेखा से नीचे हैं। *** •    सेहत के मद में होने वाले खर्चे का सवाल बड़ा चिन्ताजनक है। सालाना 10 करोड़ लोग...

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