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स्वास्थ्य नीति: 'नौ दिन चले अढाई कोस'-- ज्यां द्रेज

केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बने अब चार महीने से अधिक हो चुके हैं. मोदी ने चुनाव प्रचार में स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी का वादा भी किया था. लेकिन स्वास्थ्य के मोर्चे पर मोदी सरकार ने किया क्या है, इसका विस्तृत ब्योरा अभी उपलब्ध नहीं है. अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज़ राष्ट्रपति के अभिभाषण, प्रधानमंत्री के संसद में दिए भाषण, लाल किले से प्रधानमंत्री का देश के नाम संदेश और वित्तमंत्री...

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दवा कंपनियों को राहत आम आदमी पर आफत

बीते सोमवार की रात को, दवाओं की कीमतों के नियामक, राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सबको चौंका दिया. उसने उन 108 दवाओं को नियंत्रण से मुक्त कर दिया है, जिन्हें उसने दो महीने पहले ही ‘जनहित' के आधार पर मूल्य नियंत्रण के तहत लिया था. उसने इसकी कोई वजह नहीं बतायी. सिर्फ इतना कहा कि भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रलय के...

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कौशल विकास से दूर होगी युवाओं की बेरोजगारी

दिलीप एम चिनॉय राष्ट्रीय स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के मैनेजिंग डॉयरेक्टर और चीफ एक्जक्यूटिव ऑफिसर हैं. देश में युवाओं के कौशल विकास  की स्थिति, बिहार-झारखंड में कौशल विकास के कार्यक्रम, पंचायत की भागीदारी आदि बिंदुओं पर पेश है पंचायतनामा के लिए संतोष कुमार सिंह से उनकी बातचीत के प्रमुख अंश :  किसी भी युवा  की जिंदगी में कौशल का क्या योगदान है? राष्ट्रीय कौशल विकास संस्थान किस तरह से युवाओं के कौशल विकास...

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होमियोपैथी की महत्ता को पहचानिए ।। डॉ एके अरुण ।।

प्रत्येक वर्ष 10 अप्रैल को दुनिया भर में ‘विश्व होमियोपैथी दिवस\' के रूप में याद किया जाता है. इस बहाने होमियोपैथी के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा जरूरी है. यों तो शुरू से ही आधुनिक चिकित्सा पद्धति एलोपैथी का होमियोपैथी के प्रति तंग नजरिया रहा है. एक सहज एवं सस्ती चिकित्सा प्रणाली होते हुए भी होमियोपैथी को कभी महत्वपूर्ण या प्रमुख चिकित्सा पद्धति नहीं माना गया. लेकिन इस दो शताब्दी में...

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ताकि मिल सके सस्ती खुराक

नई दिल्ली। जेनरिक दवाएं गरीबों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। खासकर भारत जैसे विकासशील देश में इनकी अहमियत और हो जाती है, जहां गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली की बड़ी हिस्सेदारी है। दो जून की रोटी की जुगाड़ में लगे रहने वाले भारतीय परिवारों के कुल स्वास्थ्य पर खर्च का 72 फीसद केवल दवाओं के मद में जाता है। क्या हैं जेनरिक दवाएं: जब कोई दवा कंपनी किसी...

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