हाल ही में जारी आर्थिक समीक्षा दो महत्त्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान खींचती है। एक यह कि कामकाजी महिलाओं की संख्या में गिरावट आई है। वर्ष 2005-06 में रोजगार में आ रही महिलाओं का प्रतिशत 36 था, जो कि कम होकर 2015-16 में 24 प्रतिशत रह गया है। दूसरा यह कि खेती, बागवानी, मत्स्य-पालन, सामाजिकी वानिकी में महिलाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका होने पर भी, उन्हें लंबे समय से उचित महत्त्व नहीं...
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कृषि कर्ज-माफी का दलदल-- नवीन जोशी
दस दिन के किसान-आंदोलन के बाद महाराष्ट्र सरकार ने छोटी जोतवाले (लघु एवं सीमांत) करीब 31 लाख किसानों का लगभग तीन खरब रुपये का कर्ज माफ करने का ऐलान कर दिया. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपनी पहली ही कैबिनेट बैठक में वादे के मुताबिक पांच एकड़ से कम जोतवाले किसानों का तीन खरब, 69 अरब रुपये का कृषि-कर्ज माफ करने का निर्णय किया था. मध्य प्रदेश में खूनी...
More »किसान नेताओं ने कहा- नोटबंदी से हर एकड़ पर 50 हजार रुपये तक का नुकसान
नोटबंदी के चलते कृषि क्षेत्र पर तगड़ी मार पड़ी है और वह अब तक इससे उबर नहीं पाया है। कृषि संगठनों से जुड़े नेताओं का कहना है कि फल और सब्जी उपजाने वाले किसानों को तगड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। मांग की जा रही है कि बजट में किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए योजना का ऐलान किया जाए। भारत कृषक समाज के चेयरमैन अजय वीर जाखड़ ने बताया,...
More »मौन जुलूसों के नीचे धधकती आग-- प्रमोद मीणा
किसी के कंधे पर बंदूक रख कर निशाना लगाना क्या होता है, इसकी जीवंत बानगी मराठा आंदोलन है। लाखों की संख्या में मराठा महाराष्ट्र की सड़कों पर मौन जलूस निकाल रहे हैं। इसका तात्कालिक कारण बताया जा रहा है अहमदनगर जिले में एक चौदह वर्षीय मराठा लड़की का बलात्कार और हत्या। इस मामले में अभी तक पकड़े गए तीनों आरोपी दलित हैं। कू्ररता की शिकार इस बालिका को न्याय दिलाने...
More »पिछड़ा कहलाने की होड़ क्यों?--- अनुपम त्रिवेदी
पिछले कुछ समय से देश के विभिन्न भागों में आरक्षण की मांग लगातार उठ रही है. परंपरागत रूप से समृद्ध समझे जानेवाले वर्ग भी आज पिछड़ा कहलाने की होड़ में हैं. हरियाणा के समृद्ध जाट, दुनिया के हर हिस्से में फैले गुजरात के मेहनतकश पटेल, कभी जमींदार रहे आंध्र प्रदेश के कप्पू , गौरवशाली अतीत वाले मराठा और कभी राजसी ठाठ-बाट के मालिक रहे उत्तर प्रदेश और राजस्थान के...
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