SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 21

मजदूर होने का मतलब- डा अनुज लुगुन

अभी कुछ दिन पहले ही कोलकाता में ओवरब्रिज के गिरने से 22 लोगों के मरने की खबर आयी थी. मरनेवालों में ज्यादातर मजदूर थे. इनमें से एक उत्तर प्रदेश निवासी शंकर पासवान भी था, जो मोटिया का काम करता था. वह होली में अपने घर इसलिए नहीं गया, ताकि वह कुछ दिन और काम करके बेटी की शादी के लिए कुछ पैसे जमा कर सके. यह हमारे देश के मजदूरों...

More »

वह आदिवासियों की उम्मीद थे- बाबा मायाराम

बी. डी. शर्मा (ब्रह्मदेव शर्मा) जी नहीं रहे, यह खबर मुझे रांची में मिली। उनका निधन 6 दिसंबर को हो गया। उस समय मैं झारखंड के मित्र सुनील मिंज से वहां तेज गति से होने वाले औदयोगिकीकरण की कहानियां सुन रहा था। जल, जंगल, जमीन जैसे संसाधन किस तरह से आदिवासियों से छीने जा रहे हैं, यह झारखंड में देखा जा सकता है। यही हाल छत्तीसगढ़, ओडिशा और देश के...

More »

इंजीनियर ने बताया था 30 लाख का खर्च, मजदूरों ने जुगाड़ से सुधार दी मशीन

टी सूर्या राव, भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के नंदिनी माइंस में आईबीएम मशीन में खराबी आई तो बाहर से इंजीनियर को बुलाया गया। इंजीनियर ने मशीन सुधारने का खर्च लगभग 30 लाख रुपया बताया लेकिन माइंस के श्रमिकों ने अपनी मेहनत और सूझबूझ का परिचय देते हुए जुगाड़ से मशीन सुधार दी। श्रमिकों ने अपनी मेहनत और सूझबूझ से ऐसा कमाल किया कि मशीन सुधारने में एक भी रुपए खर्च...

More »

गांव को गोद लेगी इस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड

आसनसोल: इस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड ने शनिवार को कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईल) का 40वां स्थापना दिवस मनाया. कंपनी मुख्यालय सांकतोडिया में कई कार्यक्र म आयोजित हुए. सनद रहे कि एक नवम्बर, 1975 को कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण कर कोल इंडिया की स्थापना की गयी थी. कार्मिक निदेशक केएस पात्र एवं तकनीकी निदेशक (योजना एवं परियोजना) बीआर रेड्डी ने कंपनी के समस्त श्रमिकों, कर्मचारियों एवं अधिकारियों को कंपनी के बेहतरीन प्रदर्शन के लिए...

More »

प्रभावी कानून के होते क्यों नहीं रोक पाते बाल श्रम- मुनीश रायजादा

हाल ही में कैलाश सत्यार्थी को शांति का नोबेल पुरस्कार दिए जाने से भारतीय समाज में पसरी बाल श्रम की बुराई दुनिया भर में उजागर हुई है। बारह साल पहले जब मैं भारत से अमेरिका आया था, तो यहां बाल श्रमिकों की अनुपस्थिति ने मेरा ध्यान बरबस आकर्षित किया था। भारत में हम ढाबों, रेस्तरां, बाजारों व होटलों में अक्सर बच्चों को काम करते देखते हैं। ये दृश्य हम में से...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close