डाउन टू अर्थ, 22 सितम्बर सात साल बाद खरीफ सीजन में खाद्यान्न के उत्पादन में गिरावट का अनुमान लगाया गया है। अनुमान है कि कुल खाद्यान्न में 4 प्रतिशत और चावल के उत्पादन में चावल के उत्पादन में 6 फीसदी की गिरावट का अनुमान है। 21 सितंबर 2022 को केंद्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय ने वर्ष 2022-23 के दौरान खाद्यान्न उत्पादन का पहला अनुमान जारी किया, जो केवल खरीफ सीजन के...
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धान का क्षेत्रफल 43.83 लाख हैक्टेयर कम, केंद्रीय पूल में खाद्यान्न स्टॉक चार साल के निचले स्तर पर !
गांव सवेरा,14 अगस्त कई बड़े चावल उत्पादक राज्यों में चालू मानसून सीजन की कम बारिश के चलते धान का क्षेत्रफल पिछले साल के मुकाबले 43.83 लाख हैक्टेयर कम चल रहा है. सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू खरीफ सीजन (2022-23) में 12 अगस्त,2022 तक धान का कुल क्षेत्रफल 309.79 लाख हैक्टेयर रहा है जबकि पिछले साल इसी समय तक धान का कुल क्षेत्रफल 353.62 लाख हैक्टेयर रहा था. अगर आने वाले...
More »जेंडर
खास बात साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38% फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...
More »महंगाई "वास्तविक" है और इसका समाधान भी वास्तविक होना चाहिए
-न्यूजक्लिक, महंगाई और इससे निपटने के तरीके लोगों को असल में प्रभावित करते हैं। यह महज़ कोई आंकड़ा नहीं है, जिसे हम विशेषज्ञों की बातचीत में टीवी पर देखते हैं। बल्कि यह तय करता है कि कैसे असली संसाधन हमारे समाज में वितरित हो रहे हैं। कैसे उन तक अलग-अलग वर्ग समूहों की पहुंच सुनिश्चित हो रही है। सामान्य आदमी की इसमें कोई भागेदारी नहीं होती कि सरकार कैसे मुद्रास्फीति (महंगाई)...
More »क्या गेहूं-धान की सरकारी खरीद से बचने के लिए सरकार अपनाने जा रही है नया रास्ता?
-डाउन टू अर्थ, अप्रैल में रबी की फसलों के मौसम से पहले केंद्र सरकार के एक प्रस्ताव ने किसानों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। दरअसल केंद्र सरकार, गेहूं और धान की फसलों की सरकारी खरीद से पहले उनमें नमी की मात्रा के पैमानों को बदलना चाहती है। इसे लेकर फिलहाल उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण मंत्रालय और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के बीच विचार-विमर्श चल रहा है, जो किसानों से न्यूनतम...
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