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विचार: भारत में पानी मिलने की व्यवस्था में जाति की भूमिका को नज़रअंदाज़ किया जाता है

द थर्ड पोल, 24 नवम्बर  इस साल स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राजस्थान के जालोर जिले में नौ वर्षीय दलित बच्चे इंद्र मेघवाल की उसके ही एक शिक्षक, जो कि ‘उच्च जाति’ से ताल्लुक रखते हैं, ने पीटकर हत्या कर दी। इंद्र मेघवाल की हत्या की वजह यह थी कि उसने अपने उच्च जाति के शिक्षक के लिए रखे बर्तन से पानी पी लिया था। इंद्र मेघवाल की हत्या ऐसी...

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सांभर झील संरक्षण: तीन महीने के भीतर कोर व बफर क्षेत्रों को परिभाषित करने का निर्देश

डाउन टू अर्थ, 20 नवम्बर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सेंट्रल बेंच ने नौ नवंबर 2023 को सांभर झील के संरक्षण के लिए कई दिशानिर्देश जारी किए हैं। सांभर झील को मार्च 1990 में रामसर स्थलों की सूची में शामिल किया जा चुका है। गौरतलब है कि रामसर स्थल वो आद्रभूमियां हैं, जिनका अंतर्राष्ट्रीय महत्व है। एनजीटी ने जो दिशानिर्देश जारी किए हैं उनके तहत राजस्थान पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य/प्रमुख सचिव को...

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कपास पर शाप: कैसे बीटी कपास के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गई गुलाबी सुंडी

डाउन टू अर्थ, 27 अक्टूबर  गुलाबी सुंडी यानी पिंक बॉलवर्म के हमलों के चलते 2000 के दशक से भारतीय किसानों को अपनी कपास की फसल से लगातार नुकसान झेलना पड़ रहा है। वैज्ञानिकों को पता चला है कि इस कीट ने आनुवंशिक रूप से संशोधित बीटी कपास के प्रति भी प्रतिरोध विकसित कर लिया है। इससे पहले आप पढ़ चुके हैं कि गुलाबी सुंडी के कारण आत्महत्या के कगार पर पहुंचे किसान,...

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कानून में बदलाव से मछुआरों की बढ़ी चिंता, झींगा फार्म को पिछले उल्लंघनों से मिल गई छूट

मोंगाबे हिंदी, 20 अक्टूबर “ट्रैवलिंग-प्रोजेक्ट भाई भाई, एक डोरी-ते फांसी चाय” (ट्रॉउलिंग और झींगा कल्चर भाई-भाई हैं और दोनों को एक ही रस्सी से लटकाने की जरूरत है) बांग्ला में लिखी गई ये लाइनें 1990 के दशक से पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर जिले के छोटे और सीमांत मछुआरों के बीच विरोध का एक लोकप्रिय नारा रहा है। ‘प्रोजेक्ट‘ शब्द झींगा फार्मों के बारे में बताता है। अब, मछुआरों को लगता है कि...

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‘अगर एक आशा कार्यकर्ता 4,000 रुपये में गुज़ारा कर सकती है, तो हमारे प्रधानमंत्री क्यों नहीं’

द वायर हिंदी, 9 अक्टूबर ‘हम पिछले 60 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, क्योंकि हमें हर महीने केवल 4,000 रुपये का भुगतान किया जाता है.’ ये बात बीते 5 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित एक विरोध प्रदर्शन के दौरान हरियाणा के झज्जर की आशा कार्यकर्ता अनीता ने कही. अनीता की आवाज 26 राज्यों की 7,000 से अधिक महिलाओं की आवाज में से एक थी, जो नरेंद्र मोदी सरकार और...

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