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डीएपी के साथ किसानों पर जबरन अन्य दवाइयां खरीदने का दबाव बना रहे डीलर!

गाँव सवेरा, 4 दिसम्बर  खाद और कीटनाशक बेचने वाले व्यापारी किसानों को जरुरी उत्पादों के साथ-साथ गैर जरुरी उत्पाद खरीदने के लिए मजबूर करके उन्हें लूट रहे हैं. इन दिनों गेहूं की बुआई चल रही है, जिसके लिए किसानों को डीएपी की जरूरत है. हालाँकि, जब किसान डीएपी खरीदने के लिए डीलर के पास जाते हैं, तो उन्हें अन्य उत्पाद जैसे नैनो-यूरिया, जिंक और सल्फर आदि खरीदने के लिए मजबूर किया...

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बीज बाजार पर निजी कंपनियों का कब्जा, मुसीबत में किसान

डाउन टू अर्थ, 20 नवम्बर दलजीत सिंह अपने साढ़े तीन एकड़ के खेतों में धान लगाते हैं। इन खेतों से हर साल लगभग 100 क्विंटल धान पैदा होता है, लेकिन साल 2022 में केवल 19 क्विंटल ही धान निकला। बाकी धान बौना रह गया या सिकुड़ गया। उन्हें आज तक इसका कारण पता नहीं चल पाया। प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें सिर्फ इतना बताया कि फिजी वायरस की वजह से बीमारी लग...

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कपास पर शाप: कैसे बीटी कपास के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गई गुलाबी सुंडी

इंडियास्पेंड, 27 अक्टूबर  आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सभी रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढोतरी कर दी है। रबी की प्रमुख फसल गेहूं की एमएसपी 150 रुपए प्रति क्विंटल बढ़कर अब 2,275 रुपए क्विंटल हो गई है। रबी की 5 अन्य फसलों जौ, चना, मसूर, सरसों, कुसुम की एमएसपी में भी बढ़ोतरी हुई है। 18 अक्टूबर को कैबिनेट मीटिंग में ये फैसला...

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पराली समस्या पर सरकारी प्रयास अव्यावहारिक, क्या है पर्यावरण हितैषी स्थायी समाधान?

डाउन टू अर्थ, 20 अक्टूबर  भारत सहित पूरी दुनिया के लगभग 80 प्रतिशत किसान धान की पराली जलाते हैं, जिससे गंभीर वायु प्रदूषण फैलता है। जो हर साल घनी आबादी और ज्यादा औद्योगिक घनत्व वाले भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र मेंं अक्टूबर-नवंबर महीने मेंं हवा की गति कम होने और हिमालय से ठंडी हवा आने से बहुत ज्यादा गंभीर हो जाता है। इस वायु प्रदूषण समस्या के समाधान के लिए केन्द्र...

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पराली समस्या पर सरकारी प्रयास अव्यावहारिक, क्या है पर्यावरण हितैषी स्थायी समाधान?

डाउन टू अर्थ, 18 अक्टूबर  भारत सहित पूरी दुनिया के लगभग 80 प्रतिशत किसान धान की पराली जलाते हैं, जिससे गंभीर वायु प्रदूषण फैलता है। जो हर साल घनी आबादी और ज्यादा औद्योगिक घनत्व वाले भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र मेंं अक्टूबर-नवंबर महीने मेंं हवा की गति कम होने और हिमालय से ठंडी हवा आने से बहुत ज्यादा गंभीर हो जाता है। इस वायु प्रदूषण समस्या के समाधान के लिए केन्द्र...

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