द थर्ड पोल, 07 दिसम्बर जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन यानी यूएनएफसीसीसी के वार्षिक जलवायु शिखर सम्मेलन को लेकर, यूएनएफसीसीसी के ही एक पूर्व प्रमुख कहते है कि जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिहाज़ से इसे काफ़ी नहीं कहना चाहिए, लेकिन इसके बिना हालात और भी खराब होंगे। कुछ हफ्ते पहले, यूएनएफसीसीसी ने अभी तक की राष्ट्रीय जलवायु प्रतिज्ञाओं का एक नया विश्लेषण, एनडीसी सिंथेसिस रिपोर्ट, प्रकाशित की। यह...
More »SEARCH RESULT
साल 2023 में जीवाश्म सीओ2 उत्सर्जन के 40 अरब मीट्रिक टन से अधिक होने के आसार: रिपोर्ट
डाउन टू अर्थ, 07 दिसम्बर ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट साइंस टीम के नए शोध के अनुसार, जीवाश्म ईंधन से दुनिया भर में कार्बन उत्सर्जन साल 2023 में फिर से बढ़कर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। वार्षिक वैश्विक कार्बन बजट में जीवाश्म कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) के 2023 में 36.8 अरब मीट्रिक टन जो 2022 से सीओ2 उत्सर्जन से 1.1 फीसदी अधिक है। 2023 संस्करण के 18वीं वार्षिक रिपोर्ट जर्नल अर्थ सिस्टम साइंस डेटा...
More »कॉप 28: दुबई जलवायु सम्मेलन में किन मुद्दों पर रहेगी दुनिया की नज़र
द थर्ड पोल, 01 दिसम्बर जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन यानी यूएनएफसीसीसी के वार्षिक जलवायु शिखर सम्मेलन को लेकर, यूएनएफसीसीसी के ही एक पूर्व प्रमुख कहते है कि जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिहाज़ से इसे काफ़ी नहीं कहना चाहिए, लेकिन इसके बिना हालात और भी खराब होंगे। कुछ हफ्ते पहले, यूएनएफसीसीसी ने अभी तक की राष्ट्रीय जलवायु प्रतिज्ञाओं का एक नया विश्लेषण, एनडीसी सिंथेसिस रिपोर्ट, प्रकाशित की। यह...
More »राष्ट्रीय विद्युत योजना: अक्षय ऊर्जा क्षमता बढ़ने का अनुमान, कोयले पर निर्भरता रहेगी जारी
मोंगाबे हिंदी, 23 अगस्त भारत की राष्ट्रीय विद्युत योजना (एनईपी) के अनुमान के अनुसार, देश साल 2026-27 तक अपनी कुल ऊर्जा क्षमता का लगभग 55% स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल कर लेगा। यदि यह लक्ष्य पूरा हो जाता है, तो भारत जलवायु शमन के स्वैच्छिक लक्ष्य, नेशनली डिटरमाइंड कॉन्ट्रिब्यूशन (एनडीसी) या राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान को साल 2030 की समय सीमा से पहले हासिल कर लेगा। देश ने अपने संशोधित...
More »आर्थिक विकास और वित्तीय स्थिरता पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की जांच करती आरबीआई की रिपोर्ट
मोंगाबे हिंदी, 10 अगस्त भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2022-23 के लिए मुद्रा और वित्त रिपोर्ट (आरसीएफ) में मुख्य रूप से जलवायु परिवर्तन पर ध्यान दिया है। यह भारत में केंद्रीय बैंकिंग और व्यापक आर्थिक मुद्दों से संबंधित समसामयिक मुद्दों पर एक थीम-आधारित वार्षिक रिपोर्ट है। इस साल की रिपोर्ट नीतिगत प्राथमिकता के रूप में जलवायु लक्ष्यों पर जोर देती है और भारत के लिए जलवायु परिवर्तन के संभावित व्यापक-वित्तीय परिणामों...
More »