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लोकपाल के समक्ष दर्ज शिकायतों में तेज गिरावट, या तो इसे प्रभावी बनाएं या भंग करें- पूर्व सीआईसी

- द वायर, लोकपाल को अब तक 1,600 से भी कम शिकायतें मिली हैं जबकि 2019 में गठित इसके कार्यालय के निर्माण में ही लगभग 60 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. हालांकि कार्यकर्ताओं को अधिक चिंता इस बात की है कि लोकपाल के समक्ष प्रति वर्ष दर्ज की जा रही शिकायतों की संख्या तेजी से घटी है. यह 2019-2020 में 1,427 से घटकर 2020-2021 में 110 हो गई जबकि मौजूदा वित्तीय वर्ष...

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देश में आरटीआई कार्यकर्ताओं पर बढ़ रहे हमलों के बीच जवाबदेही क़ानूनों की ज़रूरत है

-द वायर, सूचना का अधिकार (आरटीआई) लंबे समय में देश में भ्रष्ट यथास्थिति को उजागर करने का एक जरिया बना हुआ है. ऐसी ही एक घटना हाल ही में राजस्थान में हुई. किसान और आरटीआई कार्यकर्ता अमराराम गोदारा का बाड़मेर से 21 दिसंबर को सफेद रंग की स्कॉर्पियो में अपहरण कर लिया गया था. उन्हें बेरहमी से पीटा गया और लगभग मरणासन्न अवस्था में उनके घर के पास फेंक दिया गया. उन्हें कई...

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शहरीकरण, लैंगिक और सामाजिक परिवर्तन: महिलाओं की राजनीतिक वरीयताओं को आकार देने में मीडिया की भूमिका

-आइडियाज फॉर इंडिया, राजनीतिक वरीयताओं को तय करने में सूचना स्रोतों की क्या भूमिका होती है, और किन परिस्थितियों में महिलाएं अपनी राजनीतिक राय बनाने के लिए पुरुषों से अलग संज्ञानात्मक सोच रखती हैं? इसका पता लगाने हेतु, उत्तर भारत के दो शहरी समूहों के किये गए सर्वेक्षण डेटा का उपयोग करते हुए, यह लेख दर्शाता है कि रोजगार या अन्य गतिविधियों के माध्यम से घर के बाहर के महिलाओं के नेटवर्क का...

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मारिया रेसा : 'आप सत्य के लिए क्या बलिदान कर सकते हैं?'

-न्यूजलॉन्ड्री, सम्माननीय महाराज, राज परिवार के सदस्य, नॉर्वे की नोबेल कमेटी के सम्मानीय सदस्य, मौजूद महामहिम और सम्माननीय अतिथि गण. मैं आपके सामने दुनिया के हर पत्रकार की प्रतिनिधि बनकर खड़ी हूं जिसे डटे रहने, अपने मूल्यों और अभियान के प्रति ईमानदार रहने के लिए बहुत कुछ बलिदान करना पड़ता है. ताकि हम सत्ता की जवाबदेही तय कर सकें और आप तक सच ला सकें. मुझे याद है जमाल खशोगी का क्रूरता...

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कॉप-26: सौ महीने से कम समय बाकी, इन वजहों से हो सकती है नतीजे मिलने में दिक्कत

-डाउन टू अर्थ, जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (कॉप-26) के तहत 31 अक्टूबर से 12 नवंबर के बीच चलने वाला 26वां संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन अपनी निर्धारित समय-सीमा से एक दिन आगे तक चला। वैश्विक जलवायु संकट से निपटने को अपने प्रयासों मे तेजी लाने के लिए अंततः इसमें ग्लासगो जलवायु समझौता (जीसीपी ) पर सहमति बनी। अंतिम सत्र में 197 देशों द्वारा तैयार जीसीपी में जिन सिद्धांतों का...

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