SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 11

जातियों की गिनती जारी करेगी मोदी सरकार!

राजनीतिक विवादों के बीच केंद्र सरकार जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी करने को राजी हो गई है। मगर आंकड़े सार्वजनिक होने की समय सीमा को लेकर संशय अब भी बरकरार है। इस मामले पर सरकार ने स्पष्ट कहा है कि राज्यों से रिपोर्ट आने के बाद ही इसे एकत्रित कर सार्वजनिक किया जाएगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि उन्हें राज्यों से आने वाली रिपोर्ट का इंतजार है। केंद्र सरकार...

More »

देश में ग्रामीण और शहरी इलाकों में 24.39 करोड़ परिवार

नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार ने शनिवार को देश के सामाजिक और आर्थिक आधार पर की गई जनगणना के आंकड़े जारी किए। वित्त मंत्री अरुण जेटली व ग्रामीण विकास राज्य मंत्री ने सामाजिक-आर्थिक जनगणना के आंकड़े पेश किए। हालांकि, सरकार ने जातिगत आधार पर की गई जनगणना के आंकड़े जारी नहीं किए। इस दौरान वित्‍तमंत्री हुए अरुण जेटली ने दावा किया कि यह एक शानदार दस्तावेज होगा। इससे भारत की हकीकत पता...

More »

33 रुपये रोज खर्च करते हैं तो आप गरीब नहीं? सरकारी आंकड़े की 5 खामियां

नई दिल्ली. योजना आयोग के गरीबी रेखा को लेकर ताज़ा आंकड़े विवादों के घेरे में आ गए हैं। ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक आयोग का दावा है कि 2004-05 में गरीबी अनुपात 37.2 प्रतिशत था, जो 2011-12 में घटकर 21.9 प्रतिशत रह गया है। योजना आयोग ने गरीबी का आकलन सुरेश तेंडुलकर समिति की ओर से सुझाए गए मापदंडों के आधार पर किया है। इसके अनुसार गांवों में 816 रुपए और...

More »

"मथुरा रेप केस के बाद बलात्कार संबंधी कानूनों को मजबूत किया गया."

प्रकाशन और कई किस्म के सामाजिक हस्तक्षेप के जरिए भारतीय स्त्री विमर्श को एक नई दिशा देने वाली उर्वशी बुटालिया को आज भारतीय नारीवाद की एक पुरजोर आवाज के तौर पर पहचाना जाता है. भारतीय महिला आंदोलनों के बिखराव और उनकी वर्तमान दिशा पर प्रियंका दुबे ने उर्वशी के साथ विस्तार से बातचीत की आप पिछले 45 वर्षों से भारतीय स्त्री विमर्श का हिस्सा रही हैं. इस दौरान हुए बदलावों...

More »

जाति की जटिलताएं- योगेश अटल

जनसत्ता 19 अप्रैल, 2013: पिछले कुछ दिनोंसे यात्रा पर हूं और जिस शहर में गया वहां उत्सुकतापूर्वक मैंने हिंदी के अखबार पढेÞ, ताकि जान सकूं कि उनमें किस तरह की खबरें छपती हैं। किसी भी दिन कोई ऐसा अखबार नहीं मिला, जिसमें जाति के विषय में खबर न छपी हो। जाति का सम्मलेन, जाति की प्रतिभाओं का सम्मान, जाति के किसी समारोह में प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति, जबकि...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close