-द प्रिंट, सब्जी मंडियों में आने वाले उपभोक्ता एक बार फिर से आंसू बहा रहे हैं लेकिन इस साल गुनहगार प्याज नहीं बल्कि टमाटर है. दक्षिण भारतीय राज्यों में हुई बेमौसम बारिश से आपूर्ति के प्रभावित होने से कई स्थानों पर टमाटर के खुदरा और थोक भाव दोगुने से अधिक बढ़कर 80 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए हैं. विशेष रूप से दक्षिणी राज्यों के कुछ शहरों में इसकी कीमतें 100 रुपये प्रति...
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अक्टूबर में वस्तुओं की थोक कीमत बढ़कर 12.54% हुई- मैन्युफैक्चर्ड चीजों के दाम में इजाफा
-द प्रिंट, नई दिल्ली: थोक वस्तुओं के दामों में सितंबर की 10.66 की तुलना में अक्टूबर में 12.54 फीसदी का इजाफा हो गया है. जिससे थोक वस्तुओं की कीमत में 1.88 फीसदी अधिक बढ़ोत्तरी हो गई है. इससे खास तौर से विनिर्मित उत्पादों और कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा हुआ है. थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल से लगातार सातवें महीने दहाई अंक में बनी हुई है. इस साल सितंबर...
More »20 वर्षों के विश्लेषण से हुआ ख़ुलासा, पेट्रोल और डीज़ल के बढ़े दामों से कभी भी इनकी खपत कम नहीं हुई है
-द प्रिंट, मार्च-अप्रैल में विधान सभा चुनावों के बाद से निरंतर वृद्धि के चलते, राष्ट्रीय राजधानी समेत देश के कई हिस्सों में, पेट्रोल के दाम 100 रुपए प्रति लीटर के निशान को पार कर गए. लेकिन, अगर क़ीमतें बढ़ रही हैं तो क्या ईंधन की खपत पर इसका असर नहीं होना चाहिए? वित्त वर्ष 1999-2000 और 2019-20 के बीच, 20 वर्षों के अधिकारिक आंकड़ों पर नज़र डालने पर पता चलता है, कि पेट्रोल...
More »महंगाई कुछ कम होगी- 5 कारण जिनकी वजह से आपको ऊंची कीमतों के बारे में ज्यादा चिंता नहीं करनी चाहिए
-द प्रिंट, मई में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआइ) में 6.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. अप्रैल में यह वृद्धि 4.2 प्रतिशत दर्ज की गई थी. इसके कारण यह आशंका पैदा हो गई कि भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति को सख्त कर देगा. मई के आंकड़े को कुछ दोषपूर्ण माना जा सकता है क्योंकि यह वृद्धि मुख्यतः विश्व बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि, जींसों की कीमतों में वृद्धि, और...
More »खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों से गरीब और प्रवासी मजदूरों को बचाने की अनकही चुनौती!
30 मई, 2021 को राष्ट्र के नाम अपने मन की बात संबोधन में, प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस तथ्य की सराहना की कि किसानों को रबी उत्पादन से संबंधित "सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से अधिक" प्राप्त हुआ. पीएम के इस बयान से आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हरियाणा (और अन्य जगहों) में सरसों उत्पादकों ने बेहतर कीमत पाने के लिए एपीएमसी मंडियों (राज्य...
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