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गर्मियों तक ‘दुनिया का पेट भरने’ के इच्छुक भारत को सर्दियों में आयात करना पड़ सकता है गेहूं

दिप्रिंट ,08 अगस्त  गेहूं के बढ़ते थोक और उपभोक्ता मूल्यों को देखते हुए भारत को कुछ महीनों में इस मुख्य खाद्य पदार्थ के आयात की अनुमति देने की जरूरत पड़ सकती है. अगर भारत आयातक बना, तो यह एक बड़ा उलटफेर होगा—क्योंकि गर्मियों तक ‘दुनिया का पेट भरने’ का इच्छुक देश सर्दियों में इसकी कमी से जूझ रहा होगा. पिछले वर्ष (2021-22) की तुलना में जब भारत ने लगभग 7.2 मिलियन टन गेहूं...

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थोक महंगाई में मामूली गिरावट; दिसंबर में फिसल कर 13.56 फीसदी रही, नवंबर के मुकाबले आई कुछ कमी

-आउटलुक, थोक महंगाई दर में दिसंबर महीने के लिए मामूली गिरावट आई है। दिसंबर महीने के लिए यह  13.56 फीसदी रही है। नवंबर में थोक महंगाई दर 14.23 फीसदी थी जबकि पिछले साल दिसंबर में थोक महंगाई दर केवल 1.95 फीसदी रही थी। तेल, बिजली व मैन्युफैक्चरिंग आइटम्स के भाव में नरमी के चलते थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई में यह गिरावट हुई। डब्ल्यूपीआई इंफ्लेशन अप्रैल से शुरू हो रहे लगातार...

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सस्ते ईरानी सेबों की वजह से लड़खड़ा रहा है कश्मीर का सेब व्यापार

-न्यूजक्लिक, कश्मीर घाटी में 24 अरब रुपये से अधिक मूल्य के सेब अपना बाजार खोने के कगार पर हैं। सेब व्यापारियों का दावा है कि सस्ते ईरानी सेबों ने आ कर भारतीय बाजारों में धूम मचा दी है, जिससे उच्च गुणवत्ता वाले कश्मीरी सेब की मांग और कीमतों में भारी गिरावट आई है।  कश्मीर के प्रमुख सेब व्यापारियों के अनुसार, उत्पादकों और व्यापारियों के पास बिक्री की बाट जोह रहे सेब के...

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बढ़ती महंगाई से कोई अछूता नहीं, इस पर लगाम जरूरी

-रूरल वॉइस, थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के आधार पर  थोक बाजारों में मुद्रास्फीति  की दर  नवंबर में 14.23 फीसदी पर पहुंच गई जो  पिछले  कई दशकों  में सबसे ज्यादा है । यह स्थिति  देश के नीति विश्लेषकों और  अर्थशास्त्रियों के अनुसार बहुत बडा झटका देने वाली है लेकिन इस स्थिति से वास्तव  मे नीतिनिर्धारक कितने चिंतित है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है।  पिछले आठ महीने से मुद्रास्फीति दहाई  में बनी हुई...

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दक्षिणी राज्यों में भारी बेमौसम बारिश के कारण टमाटर की कीमतें दोगुनी, जल्द राहत की उम्मीद नहीं

-द प्रिंट, सब्जी मंडियों में आने वाले उपभोक्ता एक बार फिर से आंसू बहा रहे हैं लेकिन इस साल गुनहगार प्याज नहीं बल्कि टमाटर है. दक्षिण भारतीय राज्यों में हुई बेमौसम बारिश से आपूर्ति के प्रभावित होने से कई स्थानों पर टमाटर के खुदरा और थोक भाव दोगुने से अधिक बढ़कर 80 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए हैं. विशेष रूप से दक्षिणी राज्यों के कुछ शहरों में इसकी कीमतें 100 रुपये प्रति...

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