-जनपथ, भारत ही नहीं, पूरी दुनिया के पैमाने पर ‘‘जन स्वास्थ्य’’ एक जरूरी मसला है। सार्वजनिक जन स्वास्थ्य के बिना किसी भी व्यक्ति के लिए स्वस्थ और सुखी रहना नामुमकिन है। कोई व्यक्ति यदि महज धन सम्पत्ति के बदौलत यह सोचता है कि वह अच्छा स्वस्थ्य भी हासिल कर लेगा तो यह उसकी गलतफहमी है। व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना जरूरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) आज...
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कोविशील्ड के परीक्षण के दौरान स्वयंसेवकों में उपजी बीमारी से भारतीय नियमन पर उठते सवाल
-द कारवां, अक्टूबर 2020 में चेन्नई में एक 40 वर्षीय व्यक्ति जिन्होंने कोविशील्ड वैक्सीन के लिए नैदानिक परीक्षण में भाग लिया था, अचानक बीमार पड़ गए. इस कोविड-19 वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया ने स्वीडिश-अमेरिकी कंपनी ऐस्ट्राजनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ मिलकर तैयार किया है. डॉक्टर ने उन्हें बताया कि उन्हें एंसेफैलोपैथी है, जो मस्तिष्क संबंधी तंत्रिका का विकार है. चार दिनों तक वह कभी होश में आते और...
More »सरकारी मूल्य तय है लेकिन अस्पतालों को चुकानी पड़ रही है ऑक्सीजन की भारी कीमत
-कारवां, कोविड-19 महामारी में देश भर के अस्पताल पहले की तुलना में ऑक्सीजन पर तीन गुना अधिक खर्च करने को मजबूर हो रहे हैं. रसायन और उर्वरक मंत्रालय के दवाओं की कीमतों को नियंत्रित करने वाले विभाग राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने सितंबर के अंत में चिकित्सा ऑक्सीजन की कीमत कम कर दी थी. यह कदम भारत में महामारी के दौरान मांग में वृद्धि को संबोधित करने के उठाया...
More »विश्व बाजार में प्राकृतिक उपचार की मांग पूरा करने के लिए भारत को आयुर्वेद को रेगुलेट करना पड़ेगा
द प्रिंट, बाबा रामदेव के पतंजलि संस्थान की नयी ‘कोरोनिल’ दवा को लेकर पिछले महीने जो विवाद खड़ा हुआ, उसने भारत में आयुर्वेद से उपचारों के नियमन से संबंधित समस्या को उजागर कर दिया. पतंजलि ने दावा किया कि उसने जो आयुर्वेद औषधि कोरोनिल तैयार की है वह लोगों को कोविड-19 वायरस से सुरक्षा भी प्रदान करेगी और इससे होने वाले रोग को दूर भी करेगी. बाद में जो जानकारियां सामने...
More »क्यों पूरे देश में फ़सलों का एक न्यूनतम समर्थन मूल्य होने से किसानों का नुकसान है
-द वायर, केंद्र सरकार ने हाल ही में रबी सीजन 2020-21 के लिए धान, ज्वार, बाजरा, मक्का समेत विभिन्न फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय कर दिया है. सरकार का दावा है कि उसने लागत का डेढ़ गुना एमएसपी निर्धारित किया है, हालांकि हकीकत ये है कि मोदी सरकार ने कम लागत मूल्य के आधार पर एमएसपी तय की है. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों को सी2 लागत पर डेढ़...
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