-द प्रिंट, इस साल जनवरी के पहले सप्ताह में, नॉवल कोरोनावायरस के पहली बार सामने आने के बाद से भारत में अभी तक कोविड-19 के क़रीब एक करोड़ मामले और 1.45 लाख से अधिक मौतें दर्ज हो चुकी हैं. आंकड़ों से संकेत मिलता है कि कोविड कर्व शायद अब नीचे की ओर जा रहा है चूंकि हाल ही में रोज़ाना के मामले कम दर्ज हो रहे हैं. लेकिन सामान्य हालात के जैसे...
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कोरोना और सर्दी के बीच एम्स के बाहर रात गुजारने को मजबूर मरीज
-न्यूजलॉन्ड्री, राजधानी दिल्ली में स्थित देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स में अच्छे व सस्ते इलाज की उम्मीद में देश के कोने-कोने से लोग आते हैं. यहां आम आदमी ही नहीं बल्कि नेता, मंत्री और देश की जानी मानी हस्तियां भी इलाज के लिए अखिल भारतीय आयुविज्ञान संस्थान (एम्स) को प्रमुखता देती हैं. एक आम आदमी जो प्राइवेट अस्पताल का खर्च वहन नहीं कर सकता, वह एम्स को अपनी आखिरी उम्मीद...
More »गेहूं उत्पादन की उन्नत तकनीक, कब और कैसे करें बुवाई
-गांव कनेक्शन, खरीफ फसलों की कटाई के साथ ही किसान रबी फसलों की तैयारी शुरू कर देते हैं। गेहूं की फसल रबी की प्रमुख फसलों से एक है, इसलिए किसान कुछ बातों का ध्यान रखकर अच्छा उत्पादन पा सकते हैं। भारत ने पिछले चार दशकों में गेहूं उत्पादन में उपलब्धि हासिल की है। गेहूं का उत्पादन साल 1964-65 में जहां सिर्फ 12.26 मिलियन टन था, जो बढ़कर साल 2019-20 में 107.18...
More »बेदम होती स्वास्थ्य व्यवस्था : कोविड-19 संकट में तपेदिक के सबक
-कारवां, {1} दिसंबर 2019 में डॉ. आनंदे वुहान से आने वाली खबरों पर व्याकुलता के साथ नजरें जमाए हुए थे. चीन के शहरों में सार्स जैसा एक रहस्यमय वायरस फैल रहा था. उस समय अपने डॉक्टर मित्रों के साथ होने वाली चर्चा को याद करते हुए आनंदे ने मुझे बताया, “मैंने सुना कि वह वायुजनित बीमारी थी. हम सुन रहे थे कि रोगियों में खांसी, बुखार आदि जैसे ही लक्षण हैं.” आनंदे की...
More »‘आत्मनिर्भर भारत’: सरकार द्वारा जनता की जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ने का बहाना?
-न्यूजलॉन्ड्री, कोरोना महामारी के लगातार बढ़ते प्रभाव के कारण एक ओर देश की सामाजिक आर्थिक एवं शैक्षिक स्थिति बद से बदतर बनती जा रही है तो दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भरता की घोषणा के द्वारा जनता के प्रति कई जवाबदेहियों से अपने को मुक्त कर लिया है जिसके चलते सभी क्षेत्रों में घोर निराशा का वातावरण छाया हुआ है. आर्थिक मोर्चे पर गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले तथा...
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