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जम्मू-कश्मीर की राजनीति में इतना सन्नाटा पहले कभी नहीं था

-बीबीसी, पिछले साल 5 अगस्त की सुबह जब ये घोषणा हुई कि कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश बन चुका है तो कश्मीर में एक राजनीतिक भूकंप महसूस किया गया. अलगावादियों को पहले ही क़ैद किया जा चुका था और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने वाली पार्टियों के नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी जेलों या घरों में नज़रबंद कर दिया गया. एक साल बीत जाने के बाद भी कोई राजनीतिक गतिविधि दिखाई नहीं देती. पर्यवेक्षक...

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अनुच्छेद-370 हटाए जाने के एक साल पूरे होने पर कश्मीर में कर्फ्यू जैसी पाबंदियां

-आउटलुक, कश्मीर में अनुच्छेद-370 हटाए जाने के एक साल पूरा होने के बाद कश्मीर में कर्फ्यू जैसी पाबंदियां लगाई गई हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने की दिशा में भी ये प्रतिबंध लगाए गए हैं। 370 हजाए जाने की पहली वर्षगांठ के मौके पर हिंसा और प्रदर्शनों के इनपुट मिलने के बाद कश्मीर में पाबंदियां लगाई गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि घाटी में, खासकर श्रीनगर शहर में पुलिस और सीआरपीएफ...

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अनुच्छेद 370 को उसी ढांचे में लाना राजनीतिक निर्णय से हो सकता, न्यायिक से नहीं: महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती

-आउटलुक, पिपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती कश्मीर से जुड़े मुद्दों को लेकर मुखर रही हैं। मां महबूबा मुफ्ती के ट्विटर अकाउंट का इस्तेमाल करते हुए इल्तिजा ने कश्मीर पर लिए गए फैसलों को लेकर कई बार भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना की है। आउटलुक के नसीर गनई के साथ बातचीत में इल्तिजा का कहना है कि उन्हें...

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असम के नज़रबंदी शिविरों में 2016 से अब तक 28 बंदियों की मौत हुई: सरकार

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को बताया कि असम में गैरकानूनी तरीके से रह रहे विदेशी नागरिकों की नज़रबंदी के लिए संचालित छह शिविरों में 2016 से अब तक 28 लोगों की विभिन्न बीमारियों के कारण मौत हुई है. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में बताया कि 2016 से इस साल 13 अक्टूबर तक असम के छह नज़रबंदी शिविरों में...

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कारगिल युद्ध में भाग लेने वाले ऑफिसर विदेशी घोषित, परिवार समेत नज़रबंदी शिविर भेजा गया

गुवाहाटीः कारगिल युद्ध में शामिल रहे सेना के पूर्व अधिकारी मोहम्मद सनाउल्लाह को विदेशी घोषित कर दिया गया है. इसके बाद उन्हें हिरासत में लेकर नज़रबंदी शिविर भेज दिया गया. पुलिस ने यह जानकारी दी है. भारतीय सेना में तकरीबन 30 साल तक सेवाएं दे चुके कामरूप जिले बोको पुलिस थाना क्षेत्र के गांव कोलोहिकाश के निवासी मोहम्मद सनाउल्लाह को इसी जिले में कार्यरत विदेशियों के लिए बने न्यायाधिकरण (फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल)...

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