-कारवां, अगर हम नरेन्द्र मोदी सरकार और नवउदारवादी टिप्पणीकारों पर यकीन करें तो सरकार के विरोध में प्रदर्शन करने वाले एक लाख से अधिक किसान, जिनमें से अधिकांश ने अपने खेतों पर काम करके, फसल पैदा कर और स्थानीय मंडियों में उसे बेचकर जिंदगी गुजारी है, खेती किसानी के बारे में कुछ नहीं जानते और उन्हें शरारती तत्वों द्वारा गुमराह किया जा रहा है. वे यह नहीं महसूस कर रहे हैं...
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लव जिहाद: गर्भवती पिंकी का अपराधी कौन है?
-सत्यहिंदी, उत्तर प्रदेश के 'लव जिहाद क़ानून' की कथित अभियुक्त मुरादाबाद की पिंकी की कोख यदि सचमुच सुरक्षित रह पाती है, उसे किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुँचती है तो जन्म लेने के बाद उसका अबोध शिशु अपने और अपनी माँ के ऊपर हुए शारीरिक व मानसिक आघातों का हिसाब-किताब किससे माँगेगा? ‘प्रदेश' के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जो अपनी राजनीतिक हित साधना के चलते उसके माता-पिता जैसी परिपक्व युवा दंपत्तियों...
More »कोविड-19 आर्थिक पैकेजः निर्मला सीतारमण के ‘नए ढाँचागत सुधार’ आख़िर कितने नए हैं?
-बीबीसी, वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण ने पाँच चरणों में 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का पूरा विवरण देश के सामने रखा है. वन नेशन, वन राशन कार्ड के ज़रिए प्रवासी मज़दूरों को उनके काम के ठिकाने पर फ्री अनाज और छोटे-मझोले व्यवसाय के लिए क़र्ज़ में रियायतों के ऐलान किए गए हैं. 'आत्मनिर्भर भारत' पैकेज के तहत बीते शनिवार को किए गए चौथे ऐलान में स्ट्रक्चरल रिफ़ॉर्म यानी संरचनात्मक बदलाव की...
More »उच्च जातियों को भी मिलना चाहिए 15 फीसदी आरक्षण: केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान
केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान नरेंद्र मोदी सरकार में दलित चेहरा हैं। बिहार से आने वाले और लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के अध्यक्ष राम विलास पासवान ने हमारे सहयोगी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स के कुमार उत्तम से एससी/एसटी एक्ट पर मार्च में सु्प्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार द्वारा किए गए बदलाव, पदोन्नति में आरक्षण और उच्च जातियों को आरक्षण आदि के मुद्दों पर बातचीत की।...
More »अनुच्छेद 35 ए का दंश -- भीम सिंह
अनुच्छेद-35 ए जम्मू-कश्मीर में भारतीय नागरिकों पर एक दोमुंही तलवार है जिसे आज तक देश के बुद्धिजीवियों और राजनीतिकों के संज्ञान में नहीं लाया गया। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के खिलाफ एक साजिश थी, जिसकी शुरुआत हुई 14 मई 1954 को, जब भारत के राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने एक अध्यादेश जारी करके अनुच्छेद-35 के साथ ‘ए' जोड़ दिया। भारतीय संविधान के अध्याय-3 में भारतीय नागरिकों को जो मानवाधिकार दिए...
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