खास बात साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38% फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...
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जीएम फूड के प्रवेश वाले मसौदे को क्यों खारिज कर रहे विशेषज्ञ
-न्यूजलॉन्ड्री, जीएम फूड को भारत में अनुमति देने वाले फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसआई) के सार्वजनिक किए गए प्रारूप पर लगातार आपत्तियां दर्ज कराई जा रही हैं. 3 फरवरी, 2022 को एफएसएसएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को देश के 162 पेशेवर चिकित्सकोें ने पत्र भेजकर संयुक्त तौर पर प्रारूप के प्रावधानों पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. पेशवर चिकित्सक समूह ने कहा है...
More »भारत के कमजोर होते लोकतंत्र से गंभीर बनता दिल्ली का वायु प्रदूषण
-कारवां, जैसे-जैसे सर्दियां दस्तक देने लगी थीं, वैसे-वैसे दिल्ली का अपना ही जहरीली हवा का मौसम शुरू होने लगा था. यह जहरीली हवा का मौसम दिवाली में पटाखों पर प्रतिबंध के खुले उल्लंघन के कारण और विषाक्त हो जाता है. प्रेस और दिल्ली के लिबरल शहरियों का आक्रोश और लाचारी का सालाना अनुष्ठान भी इसी मौसम के साथ आरंभ हो जाता है. पर्यावरणविद सरकार की यदा-कदा होने वाली और अप्रभावी कार्रवाई...
More »क्या मतदान का अधिकार राजनीतिक व्यवहार को प्रभावित करता है? भारत से ऐतिहासिक साक्ष्य
-गांव सवेरा, लोकतंत्र को लंबे समय से बेहतर आर्थिक विकास परिणामों के लिए जाना जाता है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि नागरिकों को मतदान का अधिकार देना, राजनीतिक भागीदारी या प्रतियोगिता को प्रभावी बनाए रखने को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त है या नहीं। एक नए प्रयोग के तहत 1921-1957 के दौरान जिला-स्तरीय डेटासेट को आधार बनाते हुए यह लेख इस बात की जाँच करता है कि भारत में किस...
More »लोकपाल के समक्ष दर्ज शिकायतों में तेज गिरावट, या तो इसे प्रभावी बनाएं या भंग करें- पूर्व सीआईसी
- द वायर, लोकपाल को अब तक 1,600 से भी कम शिकायतें मिली हैं जबकि 2019 में गठित इसके कार्यालय के निर्माण में ही लगभग 60 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. हालांकि कार्यकर्ताओं को अधिक चिंता इस बात की है कि लोकपाल के समक्ष प्रति वर्ष दर्ज की जा रही शिकायतों की संख्या तेजी से घटी है. यह 2019-2020 में 1,427 से घटकर 2020-2021 में 110 हो गई जबकि मौजूदा वित्तीय वर्ष...
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