अक्षय ऊर्जा यानी रिन्यूएबल एनर्जी के लक्ष्य को हासिल करने के लिए देश को हर साल लगभग डेढ़ से दो लाख करोड़ रुपए के निवेश की जरूरत है, लेकिन अभी इस क्षेत्र में सालाना 75 हजार करोड़ रुपए का ही निवेश हो पा रहा है। ऐसे में अक्षय ऊर्जा के लक्ष्य को हासिल करने के लिए निवेश के नए-नए तरीके ईजाद करने होंगे। संसदीय समिति (ऊर्जा) द्वारा 25 जुलाई 2023 को...
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नीति आयोग ने गौशालाओं को आर्थिक रूप से व्यवहारिक बनाने की वकालत की, रियायती दरों पर पूंजी उपलब्ध कराने की बताई जरूरत
रूरल वॉयस, 05 मई नीति आयोग के एक पैनल ने सुझाव दिया है कि गौशालाओं की पूंजी सहायता के माध्यम से मदद की जानी चाहिए। साथ ही खेती में उपयोग के लिए गाय के गोबर और गोमूत्र-आधारित वस्तुओं की मार्केटिंग की जानी चाहिए ताकि गौशालाओं को आर्थिक रूप से व्यवहारिक बनाया जा सके। इसके अलावा गौशालाओं के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए एक पोर्टल बनाने का प्रस्ताव पैनल ने दिया है। इस...
More »जलवायु परिवर्तन की मार भारत पर सबसे अधिक, जोखिम घटाने के लिए बढ़ाना होगा निवेश
मोंगाबे हिंदी , 28 अप्रैल जलवायु परिवर्तन से बुनियादी ढांचे पर बढ़ रहे जोखिम के मामले में भारत सबसे ऊपर के देशों में शामिल है। हाल ही में आई वैश्विक भौतिक जलवायु जोखिम रिपोर्ट (ग्लोबल फिजिकल क्लाइमेट रिस्क रिपोर्ट) में ये बात कही गई है। इस रिपोर्ट को क्रॉस डिपेंडेंसी इनिशिएटिव (एक्सडीआई/XDI) ने तैयार किया है। यह संगठन भौतिक जलवायु जोखिम के विश्लेषण में माहिर हैं। इसने दुनिया भर में 2,600...
More »ग्रामीण क्षेत्र के लिए कितना हितकारी है 2023-24 का बजट?
रूरल वॉइस, 24 फरवरी पिछले साल 2022-23 के लिए जब बजट पेश किया गया तो मैंने उसे जातिगत भेदभाव वाला बताया था। अगले वित्त वर्ष के लिए जो बजट पेश किया गया है, उसके प्रस्तावों पर गौर करें तो इसमें भी जातिगत भेदभाव झलकता है। तमाम मीडिया में नई स्कीम की घोषणाओं और पूंजी निर्माण के लिए अधिक आवंटन को ‘अमृत काल’ जैसे लुभावन शब्दों के रूप में पेश किया गया।...
More »असर (ASER) की रिपोर्ट: शिक्षा के क्षेत्र में बेटा-बेटी के बीच भेदभाव अभी जारी
जनचौक, 8 फरवरी देश में अभी भी लड़कों की तुलना में लड़कियों की शिक्षा पर कम जोर दिया जा रहा है। असर की चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। असर की अतिरिक्त रिपोर्ट के मुताबिक देश में लड़कियों की तुलना में 15-25% अधिक लड़के निजी स्कूलों में पढ़ने जाते हैं। वहीं प्राथमिक विद्यालयों में लड़कियों की तुलना में लगभग 52 लाख अधिक लड़के पढ़ने जाते हैं। मतलब साफ है कि लगभग...
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