-जनपथ, इस वर्ष के अप्रैल माह में छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में मनरेगा में काम करने वाले दलित व आदिवासी समुदाय से जुड़े मजदूरों के लिए भुगतान का संकट खड़ा हो गया जबकि बाकी मजदूरों को भुगतान पहले की तरह ही हो रहा था। पूरे देश में हल्ला मचने के बाद यह पता चला कि यह अव्यवस्था मंत्री नरेंद्र तोमर के अधीन ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक ऐसी एडवाइजरी के कारण...
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नई ILO रिपोर्ट: टेक्नोलॉजी आधारित नए डिजिटल श्रम प्लेटफार्म श्रमिकों के अधिकारों की अनदेखी कर रहे हैं!
वेबआधारित और प्लेटफॉर्म श्रमिकों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं हम में से हर एक के जीवन को प्रभावित करती हैं, लेकिन श्रम क्षेत्र को बदलने में डिजिटल श्रम प्लेटफार्मों की भूमिका के बारे में ऐसी जानकारियां बहुत कम है. ऐसे डिजिटल श्रम प्लेटफार्मों ने श्रमिकों, व्यवसायों और समाज के लिए अभूतपूर्व अवसर पैदा किए हैं. हालांकि, ये डिजिटल प्लेटफॉर्म उचित काम और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के लिए गंभीर खतरे भी पैदा...
More »छत्तीसगढ़ में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में बड़े किसानों के साथ आए खेत मजदूर
-कारवां, “मनरेगा में हमें यह सरकार अब मुश्किल से बीस दिन ही काम दे रही है. जब हमने मनरेगा में काम करना शुरू किया था तो किसी साल 50-60, तो किसी साल 80 दिनों तक हमें अपने गांव में ही काम मिल जाता था. पर, हमें तो अपना गुजारा करने के लिए साल के सभी दिन काम चाहिए न. इसलिए, कुछ दिन हम अपने खेत और कुछ दिन बड़े किसानों के खेतों...
More »मोदी का उदय चंद कारपोरेट घरानों का विकास है : आरएलडी उपाध्यक्ष जयंत सिंह चौधरी
-कारवां, जयंत सिंह चौधरी राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष हैं. इस पार्टी का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आधार है. आरएलडी का गठन 1996 में जयंत के पिता अजित ने जनता दल से अलग हो कर किया था. इसकी पूर्ववर्ती पार्टी लोक दल थी, जिसकी स्थापना 1980 में जयंत के दादा चौधरी चरण सिंह ने की थी. चरण सिंह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रसिद्ध किसान नेता रहे. अपनी स्थापना के बाद...
More »लॉकडाउन के बाद भी भुखमरी और सिकुड़ती आय के खतरे बरकरार!
11 राज्यों के 3,994 उत्तरदाताओं के बीच एक सर्वेक्षण के प्रारंभिक निष्कर्षों से पता चलता है कि अधिकांश कमजोर परिवारों और समुदायों, जैसे कि एससी, एसटी, ओबीसी, पीवीटीजी, झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाले, दिहाड़ी मजदूर, किसान, एकल महिला परिवार, इत्यादि में लॉकडाउन से पहले उनकी आय के स्तर की तुलना में सितंबर-अक्टूबर के दौरान उनकी आय कम रही है. राइट टू फूड कैंपेन और सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज (टेलीफोनिक सर्वेक्षण के...
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