जानवर और इंसान में यही फर्क है कि इंसान कुछ नियमों से संचालित होता है, जो व्यवस्थित जीवन की जरूरी शर्त है, अन्यथा तो एक जंगल राज होगा, जहां बलशाली ही राज करता है। व्यवस्थित जीवन का मतलब है, एक तरह का संवाद संतुलन, जो किसी एक घटक को किसी भी स्तर पर निरंकुश होने का अधिकार नहीं देता। आजादी कैसी भी हो, आत्मसंयम मांगती है। भारतीय संविधान कुछ मौलिक...
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बुनियादी ढांचा सुधरने से थमेंगी कीमतें-- रमेश कुमार दुबे
बंपर उत्पादन और तमाम सरकारी उपायों के बावजूद महंगाई दर में बढ़ोतरी से साबित होता है कि वितरण के मोर्चे पर अभी बहुत कुछ करना है। पिछले साढ़े तीन वर्षों में मोदी सरकार ने ग्रामीण सड़कों, सिंचाई, फसल बीमा और बिजली आपूर्ति के क्षेत्र में अहम सुधार किया है लेकिन भंडारण-विपणन ढांचे में सुधार अभी भी दूर की कौड़ी बना हुआ है। यही कारण है कि कुछ महीने पहले तक...
More »मंदी में भी अमीर हुए और अमीर, मुकेश अंबानी फिर शीर्ष पर
नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी लगातार 10वें साल भारत के कुबेर बने हुए हैं। उनकी कुल संपत्ति बढ़कर 38 अरब डॉलर हो गई है। पिछले एक साल में उनकी संपत्ति 67 फीसदी बढ़ी और इसके साथ ही वह एशिया के पांच शीर्ष रईसों में शुमार हो गए। वहीं देश में आर्थिक मंदी के दावे के बाद भी 100 शीर्ष अमीरों की संपत्ति में 26 फीसदी का इजाफा हुआ...
More »फोर्ब्स की 100 सबसे अमीर भारतीयों की लिस्ट में रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण
योग गुरु रामदेव के सहयोगी और पतंजलि आयुर्वेद के सह-संस्थापक बालकृष्ण का नाम अंतरराष्ट्रीय पत्रिका फोर्ब्स ने "100 सबसे अमीर भारतीयों" की सूची में शामिल किया है। 44 वर्षीय बालकृष्ण का नाम इस सूची में पहली बार शामिल हुआ है। पत्रिका ने उनकी संपत्ति 2.5 अरब डॉलर (16 हजार करोड़ रुपये) आंकी है। उन्हें सूची में 48वां स्थान दिया गया है। पत्रिका ने पतंजलि आयुर्वेद में 97 प्रतिशत की उनकी...
More »आज का योग किसकी देन-- सतीश पेडणेकर
वैश्वीकरण के इस युग में योग भी वैश्विक बन चुका है। करोड़ों लोग योग की साधना कर रहे हैं। महर्षि पतंजलि को अक्सर योग का जन्मदाता कहा जाता है। उन्हें योगसूत्र या योग दर्शन के रचयिता होने के कारण ऐसा कहना उचित भी है। मगर व्यावहारिक दृष्टि से देखें तो आज का योग पतंजलि का राजयोग नहीं, गोरखनाथ का हठयोग है जो मुख्यत: गोरख या नाथपंथी योगियों का योग है।...
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