डाउन टू अर्थ, 20 अक्टूबर भारत सहित पूरी दुनिया के लगभग 80 प्रतिशत किसान धान की पराली जलाते हैं, जिससे गंभीर वायु प्रदूषण फैलता है। जो हर साल घनी आबादी और ज्यादा औद्योगिक घनत्व वाले भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र मेंं अक्टूबर-नवंबर महीने मेंं हवा की गति कम होने और हिमालय से ठंडी हवा आने से बहुत ज्यादा गंभीर हो जाता है। इस वायु प्रदूषण समस्या के समाधान के लिए केन्द्र...
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पराली समस्या पर सरकारी प्रयास अव्यावहारिक, क्या है पर्यावरण हितैषी स्थायी समाधान?
डाउन टू अर्थ, 18 अक्टूबर भारत सहित पूरी दुनिया के लगभग 80 प्रतिशत किसान धान की पराली जलाते हैं, जिससे गंभीर वायु प्रदूषण फैलता है। जो हर साल घनी आबादी और ज्यादा औद्योगिक घनत्व वाले भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र मेंं अक्टूबर-नवंबर महीने मेंं हवा की गति कम होने और हिमालय से ठंडी हवा आने से बहुत ज्यादा गंभीर हो जाता है। इस वायु प्रदूषण समस्या के समाधान के लिए केन्द्र...
More »फसल अवशेषों के अनुमान के साथ आसान हो सकेगा बायो ऊर्जा उत्पादन: रिपोर्ट
मोंगाबे हिंदी, 10 अगस्त हाल ही मे हुए एक अध्ययन में दावा किया गया है कि फसलों के अवशेषों से बायो ऊर्जा का उत्पादन करने की भारत की क्षमता पहले के अनुमान से कम है। यह सालाना 1313 पेटाजूल्स (PJ) (1 PJ = 277778 मेगावाट) बायोएनर्जी बनाने की क्षमता का सुझाव देता है, जो 1738 से 4150 PJ तक के पहले के अनुमान से कम है। हालांकि, अध्ययन जिले और अलग-अलग...
More »पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 30% की गिरावट, लेकिन ये आंकड़े कितने विश्वसनीय?
इंडियास्पेंड, 13 दिसंबर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने 5 दिसंबर 2022 को बताया कि इस पिछले साल की तुलना में इस मौसम में (15 सितंबर से 30 नवंबर तक) पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 30% जबकि हरियाणा में 48% की गिरावट दर्ज की गई है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि अकेले सैटेलाइट (उपग्रह) के आंकड़ों के आधार पर इस गिरावट को पूरी तरह से सही...
More »कम पराली जलाने की घटनाओं और बारिश ने दिया साथ, दिल्ली-NCR 8 साल बाद सबसे कम प्रदूषित
दिप्रिंट, 13 दिसंबर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर क्षेत्रों में इस साल अक्टूबर और नवंबर महीने में प्रदूषण का स्तर पिछले आठ साल के मुकाबले कम रहा है. हालांकि, दिसंबर के महीने में हर साल प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है लेकिन इस बार बेहतर हवा की उम्मीद की जा सकती है. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) के एक हालिया विश्लेषण में कहा है कि अभी तक इस क्षेत्र में...
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