बगीचा (निप्र) पत्नी का इलाज कराने के लिए सन्ना गए एक पहाड़ी कोरवा की चार दिन तक खाना नहीं मिलने से मौत हो गई। पत्नी की आंख का इलाज कराने के लिए उसे सन्ना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उसे चार दिन रुकना पड़ा। इस दौरान उन्हें खाना नहीं मिला। चार दिन बाद अपने गांव लेदरापाठ लौटने लगे। शाम हो जाने की वजह से वे खुंटाटांगर बस्ती के पास एक मिर्ची...
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कोरवा की दर्द की हकीकत, भुखमरी में गिरवी रखा राशन कार्ड
रायपुर/जशपुरनगर. भूख से तड़प कर पहाड़ी कोरवा लम्बू राम (60) की हुई मौत के मामले में एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। मृतक की मां विजनी बाई ने प्रशासन के समक्ष बदहाली की दास्तां सुनाते हुए खुलासा किया� कि हमने लम्बू के पिता झामक� के इलाज के लिए 2014 में एक हजार रुपए में चढ़भईया के एक सूदखोर के पास� राशन कार्ड गिरवी रख दिया था। तब हमारे�...
More »जनसंख्या विस्फोट के दौर में घट रही आदिवासी आबादी !
संदीप तिवारी, रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों की जनसंख्या वृद्धि दर घट रही है। जबकि इस दशक में सबसे ज्यादा जनसंख्या राज्य की बढ़ी है। नक्सल इलाकों में संरक्षित जनजातियां रहती हैं जिनमें बैगा, अबुझमाड़िया, बिरहोर, पहाड़ी कोरवा और कमार प्रमुख हैं। केंद्र सरकार ने इन संरक्षित जनजातियों के परिवार नियोजन पर प्रतिबंध लगा रखा है, लेकिन यह प्रतिबंध बेअसर साबित हो रहा है। प्रसव के...
More »25 किमी रोजाना पहाड़ पर चढ़कर पढ़ाने जाते हैं शिक्षक
बतौली-सुवारपारा (छग)। बिलासपुर के बतौली क्षेत्र के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र परसाडांड का स्कूल जर्जर हालात से गुजर रहा है। 1991 के बाद से स्कूल तक झांकने कोई आला अधिकारी नहीं पहुंच सका है।पहाड़ी कोरवा बस्ती में स्कूल सुविधाहीन हैं। कमरे बैठने व अध्ययन योग्य नहीं हैं। स्कूल शिक्षक किसी अनहोनी की आशंका से बच्चों को बाहर पढ़ाते हैं। स्कूल की दर्ज संख्या इसी वजह से अत्यंत कम है। अत्यंत दुर्गम पहाड़ी...
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