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नोटंबदी को दरकिनार कर Q3 में जीडीपी वृद्धि दर 7%, पूरे वर्ष का वृद्धि अनुमान 7.1% पर बरकरार

नोटबंदी की वजह से आर्थिक गतिविधियों के बुरी तरह प्रभावित होने की आशंकाओं को दरकिनार करते हुये चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7 प्रतिशत रही है, जबकि पूरे वर्ष की वृद्धि का दूसरा अग्रिम अनुमान भी 7.1 प्रतिशत पर पूर्ववत रहा है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के मंगलवार (28 फरवरी) को जारी तीसरी तिमाही और पूरे वर्ष के अग्रिम अनुमान में...

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भ्रष्टाचार और प्रदूषण का खनन-- रामचंद्र गुहा

जब नई सदी की शुरुआत हुई, तो मेरे गृह राज्य कर्नाटक में आर्थिक उदारीकरण के ‘पोस्टर बॉय' थे- एन आर नारायण मूर्ति। मध्यवर्गीय परिवार से निकले इस शख्स के पास उद्यमशीलता का कोई पारिवारिक अनुभव नहीं था। नारायण मूर्ति ने अपनी जैसी सोच वाले छह अन्य लोगों को जोड़ा और इन्फोसिस की नींव रखी। बहुत मामूली शुरुआत हुई थी इसकी, मगर साल 2000 तक इस कंपनी का मुख्यालय न सिर्फ बेंगलुरु...

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सोशल सेक्टर की कंपनियों ने किया 67 करोड़ का नुकसान

रायपुर। राज्य सरकार को पिछले सत्र में सोशल सेक्टर से जुड़ी सरकारी कंपनियों और कॉर्पोरेशन में वित्तीय प्रबंधन में खामियों के चलते करीब 67 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा है। सबसे बड़ा नुकसान ब्रेवरेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने किया। ब्रेवरेज कॉर्पोरेशन ने भारत में बनने वाली विदेशी शराब की कीमत टैक्स लगाकर बढ़ाने के बजाय अपने मार्जिन से इसे उसका भुगतान कर दिया। इससे कंपनी को 53.65 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा...

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व्यापमं ने साख पर उठाए सवाल - आरती जेरथ

आखिरकार सर्वोच्च अदालत को व्यापमं घोटाले में वह हस्तक्षेप करना ही पड़ा, जो कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बहुत पहले ही कर देना था। सर्वोच्च अदालत ने अब न केवल व्यापमं घोटाले के तहत हुई फर्जी नियुक्तियों/दाखिलों, बल्कि इस घोटाले से जुड़े विभिन्न लोगों की रहस्यपूर्ण परिस्थितियों में हुई मौतों की भी सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं। यह एक स्वागतयोग्य कदम है, लेकिन सवाल...

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किसने मारा उन 42 लोगों को? - सुधांशु रंजन

हाशिमपुरा मामले में जीवित बचे सभी 16 अभियुक्तों की निचली अदालत द्वारा हुई रिहाई ने भारत की न्याय व्यवस्था पर एक गंभीर सवाल खड़ा किया है। लगभग 28 वर्षों के इंतजार के बाद मृतकों के परिजनों को जोर का झटका लगा, जब संदेह का लाभ देते हुए अदालत ने अभियुक्तों को बरी कर दिया। घटना 22 मई 1987 की है, जब मेरठ के हाशिमपुरा से प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) के...

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