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थोक महंगाई में मामूली गिरावट; दिसंबर में फिसल कर 13.56 फीसदी रही, नवंबर के मुकाबले आई कुछ कमी

-आउटलुक, थोक महंगाई दर में दिसंबर महीने के लिए मामूली गिरावट आई है। दिसंबर महीने के लिए यह  13.56 फीसदी रही है। नवंबर में थोक महंगाई दर 14.23 फीसदी थी जबकि पिछले साल दिसंबर में थोक महंगाई दर केवल 1.95 फीसदी रही थी। तेल, बिजली व मैन्युफैक्चरिंग आइटम्स के भाव में नरमी के चलते थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई में यह गिरावट हुई। डब्ल्यूपीआई इंफ्लेशन अप्रैल से शुरू हो रहे लगातार...

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चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान: आरबीआई

-न्यूजक्लिक, मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति चालू वित्त वर्ष 2021-22 में करीब 5.3 प्रतिशत रह सकती है। यह केंद्रीय बैंक के पूर्व अनुमान के अनुरूप है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की जानकारी देते हुए कहा कि मुद्रास्फीति के अगले वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में नरम पड़कर पांच प्रतिशत पर आने का अनुमान है।       उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति का अनुमान पूर्व के अनुमान के लगभग अनुरूप है।...

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महंगाई ले चुकी है स्थायी रूप , शहरी से ग्रामीण तक सभी प्रभावित

-रूरल वॉइस, मंहगाई देश में होने वाले पांच राज्यों मे आगामी विधानसभा चुनावों के लिए एक अहम मुद्दा बन चुका है  क्योंकी रोजमर्रा के खर्च में मंहगाई अब हमारे जीवन हिस्सा ही बन गई है।  इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उपभोक्ता मूल्य सूचकां (सीपीआई) या थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) किस तरह के आंकड़े पेश करते हैं।  हकीकत यह है कि इस बार की मंहगाई की जड़े काफी गहरी हैं और ...

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पंजाब में महिलाओं के भूख हड़ताल का 97वां दिन,15 सितंबर को जयपुर में किसान संसद

-जनपथ, सरकार द्वारा किसानों की मांगों को मानने से इनकार करने के बाद बुधवार को एसकेएम नेताओं और करनाल जिला प्रशासन के बीच वार्ता विफल रही। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि जब तक एसडीएम आयुष सिन्हा को निलंबित नहीं किया जाता और मुआवजे का भुगतान नहीं किया जाता, घेराव जारी रहेगा। मंगलवार को करनाल अनाज मंडी में किसान महापंचायत और जिला प्रशासन के बीच वार्ता विफल होने के बाद किसानों ने...

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20 वर्षों के विश्लेषण से हुआ ख़ुलासा, पेट्रोल और डीज़ल के बढ़े दामों से कभी भी इनकी खपत कम नहीं हुई है

-द प्रिंट, मार्च-अप्रैल में विधान सभा चुनावों के बाद से निरंतर वृद्धि के चलते, राष्ट्रीय राजधानी समेत देश के कई हिस्सों में, पेट्रोल के दाम 100 रुपए प्रति लीटर के निशान को पार कर गए. लेकिन, अगर क़ीमतें बढ़ रही हैं तो क्या ईंधन की खपत पर इसका असर नहीं होना चाहिए? वित्त वर्ष 1999-2000 और 2019-20 के बीच, 20 वर्षों के अधिकारिक आंकड़ों पर नज़र डालने पर पता चलता है, कि पेट्रोल...

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