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सूखा प्रतिरोधी बाजरा क्या भारत में खाद्य सुरक्षा का रास्ता खोल सकता है?

द थर्ड पोल, 10 अक्टूबर भारत सरकार, घरेलू स्तर पर और दुनिया भर में भारतीय दूतावासों के माध्यम से कम खपत वाली, जलवायु के लिहाज से लोचशील फसल, बाजरा की प्रोफाइल बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास कर रही है। इस प्रयास को विश्व स्तर पर मान्यता भी मिल रही है। जनवरी में, भारत के एक प्रस्ताव के बाद, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया। जून में,...

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हरियाणा: बाढ़ व सूखा देख बीमा कंपनियों ने बीमा से किया इंकार, सरकार पर उठे सवाल

डाउन टू अर्थ, 19 सितम्बर बीमा कपंनी ने हरियाणा के सात जिलों के किसानों की फसल का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत बीमा करने से अपने हाथ पीछे खींच लिए। इसकी वजह इन जिलों में बाढ़ व सूखे की स्थिति बनी है। अब जब खरीफ की फसल तैयार होने को है तो किसानों को इस बात का पता चला कि उनके बैंक खाते से राशि काटे जाने के बाद...

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हिमालय में ग्लेशियरों के घटने से विनाशकारी बाढ़ का खतरा बढ़ा

मोंगाबे हिंदी, 15 सितम्बर एक हालिया अध्ययन के अनुसार, हिमालय में बढ़ते तापमान और ग्लेशियरों के पिघलने के कारण जहां एक तरफ नई हिमनद झीलों का निर्माण हुआ है और वहीं दूसरी तरफ मौजूदा झीलों का भी विस्तार हुआ है, जिससे हिमनद झील विस्फोट बाढ़ यानी GLOF आने का खतरा बढ़ गया है। GLOF तब होता है जब हिमनदी झीलों का जल स्तर काफी ज्यादा बढ़ जाता है और इससे बड़ी मात्रा...

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इवेट बीमा कंपनियों की मनमानी, किसानों को मुआवजा देने से किया इनकार!

गाँव सवेरा, 11 सितम्बर हरियाणा में बीमा कंपनियों पर किसानों का एक हजार करोड़ से ज्यादा का फसल बीमा क्लेम बकाया है. फसल के मुआवजे को लेकर हरियाणा के अलग अलग जिलों में किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन अब तक भी किसानों को फसल का मुआवजा नहीं दिया गया है. फतेहाबाद में फसल मुआवजे की मांग को लेकर स्थानीय विधायक के घर का घेराव करते नजर आ थे किसानों...

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पीएम जन आरोग्य योजना के तहत ‘मृत’ मरीज़ों के इलाज के लिए 6.9 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ: कैग

द वायर , 17 अगस्त  आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के ऑडिट में अनियमितताओं को चिह्नित करते हुए भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने कहा है कि इसके तहत 3,446 मरीजों के इलाज के लिए 6.97 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जिन्हें डेटाबेस में पहले ही मृत घोषित कर दिया गया था. 2018 में शुरू की गई यह योजना स्वास्थ्य देखभाल की मांग करने वाली गरीब और कमजोर...

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