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बेरोजगारी दूर करने का दमखम है कृषि में

दैनिक ट्रिब्यून, 03 अप्रैल  कोरोना महामारी के दौरान जिस तरह देश ने प्रवासी मजदूरों का घर-वापसी पलायन देखा, उसके बाद आई आवधिक श्रमिक बल सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि खेत मजदूरों की संख्या में 3 फीसदी का इजाफा हुआ है, यह गिनती वर्ष 2018-19 में 42.5 प्रतिशत से बढ़कर 2021-22 में 45.5 फीसदी हो गई। जिस कृषि क्षेत्र को इन तमाम सालों में जान-बूझकर दीन-हीन बनाकर रखा गया है, वह...

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सांभर झील में अधिक बारिश और अवैध नमक खनन के कारण 2019 में कैसे बड़े पैमाने पर पक्षियों की हुई मौत

दिप्रिंट,  10 मार्च राजस्थान में 2019 में एवियन की मृत्यु के चार साल बाद – जहां नवंबर में बड़े पैमाने पर एवियन बोटुलिज़्म के कारण सांभर साल्ट लेक में लगभग 23,000 पक्षियों की मौत हो गई थी वहां वैज्ञानिकों ने पाया है कि अत्यधिक वर्षा के कारण जहरीले बैक्टीरिया में अप्रत्याशित वृद्धि हुई, जिसने उन्हें मार डाला. यह भारत में एवियन बोटुलिज़्म के कारण पहली दर्ज की गई सामूहिक मृत्यु दर घटना...

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1951 के बाद से देश में मतदाताओं की संख्या में छह गुना वृद्धि हुई

द वायर, 6 फरवरी भारत में 1951 के बाद से मतदाताओं की कुल संख्या में लगभग छह गुना वृद्धि देखी गई है और इस वर्ष यह संख्या 94.50 करोड़ से अधिक हो गई है. हालांकि इनमें से लगभग एक-तिहाई मतदाताओं ने पिछले लोकसभा चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं किया. बताया जा रहा है कि इस वजह से निर्वाचन आयोग अधिक से अधिक मतदाताओं को मतदान केंद्रों पर लाने के लिए...

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हाशिए पर रखी गई भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और इसकी चुनौतियां!

 गाँव सवेरा, 4 जनवरी ग्रामीण अर्थव्यवस्था काफी जटिल है। इसमें कृषि के साथ उद्योग और सेवाएं भी हैं। लेकिन वहां ज्यादातर गतिविधियां असंगठित क्षेत्र में होती हैं। इनमें शहरी इलाकों की तुलना में आमदनी कम होती है। यही कारण है कि देश की 70 प्रतिशत आबादी ग्रामीण होने के बावजूद सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में उनका योगदान शहरी क्षेत्रों की तुलना में बहुत कम है। रोजगार के पर्याप्त अवसर न होने के...

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हाशिए पर रखी गई भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और इसकी चुनौतियां

रूरल वॉयस, 04 जनवरी ग्रामीण अर्थव्यवस्था काफी जटिल है। इसमें कृषि के साथ उद्योग और सेवाएं भी हैं। लेकिन वहां ज्यादातर गतिविधियां असंगठित क्षेत्र में होती हैं। इनमें शहरी इलाकों की तुलना में आमदनी कम होती है। यही कारण है कि देश की 70 प्रतिशत आबादी ग्रामीण होने के बावजूद सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में उनका योगदान शहरी क्षेत्रों की तुलना में बहुत कम है। रोजगार के पर्याप्त अवसर न होने के...

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