डाउन टू अर्थ, 17 अक्टूबर पिछले तीन दशकों में किसानों को आपदाओं के चलते करीब 316.4 लाख करोड़ रुपए (380,000 करोड़ डॉलर) का नुकसान उठाना पड़ा है। मतलब की इन आपदाओं के कारण किसानों को हर साल फसलों और मवेशियों के रूप में औसतन 10.24 लाख करोड़ रुपए (12,300 करोड़ डॉलर) की चपत लग रही है। जो कृषि के वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का करीब पांच फीसदी है। यह जानकारी खाद्य एवं...
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हरियाणा: बाढ़ व सूखा देख बीमा कंपनियों ने बीमा से किया इंकार, सरकार पर उठे सवाल
डाउन टू अर्थ, 19 सितम्बर बीमा कपंनी ने हरियाणा के सात जिलों के किसानों की फसल का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत बीमा करने से अपने हाथ पीछे खींच लिए। इसकी वजह इन जिलों में बाढ़ व सूखे की स्थिति बनी है। अब जब खरीफ की फसल तैयार होने को है तो किसानों को इस बात का पता चला कि उनके बैंक खाते से राशि काटे जाने के बाद...
More »पंजाब: किसानों के लिए आफत बना खरीफ सीजन,बाढ़ के बाद अब कीटों का हमला!
गाँव सवेरा, 18 सितम्बर पहले जुलाई में बारिश के कारण किसानों की 2 लाख एकड़ से अधिक धान और बासमती की फसल को भारी नुकसान हुआ. फिर अगस्त में, हिमाचल प्रदेश में मानसून के कारण अधिकारियों को भाखड़ा बांध से अतिरिक्त पानी छोड़ना पड़ा, जिसके चलते पंजाब में बड़े पैमाने पर खेती कई दिनों तक पूरी तरह से पानी में डूबी रही और अब सितंबर में धान की फसल कीटों के...
More »पंजाब: फ़सलों की तबाही व क़र्ज़ की दोहरी मार झेलते किसान
पारी हिंदी, 14 सितम्बर बलदेव कौर (70) ने ज़मींदोज़ हो चुके मकान के मलबों के बीच से किसी तरह अपना रास्ता बनाया. ये मलबे उनके खेत में बने उस मकान के थे जो कभी उनके परिवार का घर हुआ करता था. कमरों की जो दीवारें अभी भी खड़ी थीं उनमें बड़ी-बड़ी दरारें पड़ चुकी थीं. “जब धुआंधार बारिश हो रही थी और छत पर ओले गिर रहे थे, तो वह पूरी रात...
More »अचानक बाढ़ और सूखे जैसे हालात से प्रभावित हो रही है असम की खेती
मोंगाबे हिंदी, 28 जून साल 2022 में असम में हुई रिकार्ड तोड़ बारिश के बाद आई बाढ़ पिछले एक दशक में राज्य में आई सबसे भयावह बाढ़ थी। इसके ठीक पहले असम के कुछ जिलों में सूखे जैसे हालत थे और किसानों की फसलों की बुवाई भी देरी से हो पा रही थी। एक साल बाद 2023 के मार्च महीने में प्री-मॉनसून के मौसम में असम में जरूरत से ज्यादा बारिश...
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