मोंगाबे हिंदी, 28 जून साल 2022 में असम में हुई रिकार्ड तोड़ बारिश के बाद आई बाढ़ पिछले एक दशक में राज्य में आई सबसे भयावह बाढ़ थी। इसके ठीक पहले असम के कुछ जिलों में सूखे जैसे हालत थे और किसानों की फसलों की बुवाई भी देरी से हो पा रही थी। एक साल बाद 2023 के मार्च महीने में प्री-मॉनसून के मौसम में असम में जरूरत से ज्यादा बारिश...
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नैनो यूरिया ट्रायल से खेत तक, भाग-एक: किसानों का क्यों हो रहा मोहभंग?
डाउन टू अर्थ, 9 मई “ वर्ष 2022, नवंबर में कुल 08 हेक्टेयर खेतों में गेहूं की फसल बुआई की थी। बुआई के करीब 20 दिन बाद प्रयोग के तौर पर 4 हेक्टेयर खेत में 500 एमएल वाली 10 नैनो तरल यूरिया की बोतल का छिड़काव किया। खेतों में इस स्प्रे के लिए कुल 1000 रुपए की अतिरिक्त मजदूरी भी दी। जबकि 4 हेक्टेयर खेत में पहले की तरह पारंपरिक यूरिया...
More »कीटनाशक बनाने वाली कंपनी पर किसानों ने लगाया फसलें खराब करने का आरोप, कार्रवाई की मांग
मोंगाबे हिंदी, 06 अप्रैल सलीम पटेल, 43, गुजरात के भरूच जिले के वागरा तालुका के त्रालसा गांव में कपास की खेती करते हैं। वह पिछले 16 साल से ज्यादा समय से कपास उगा रहे हैं। उनके पास 22 एकड़ जमीन है जिसमें से आधे से ज्यादा पर कपास की ही खेती होती है। नर्मदा नदी की तलहटी के निचले मैदानों में मौजूद इन खेतों की सिंचाई नहरों से होती है और...
More »ग्राउंड रिपोर्ट: बेमौसम बारिश ने फसलों को किया बर्बाद, सरकारी राहत से भी किसानों को नाउम्मीदी
जनचौक, 23 मार्च बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की वजह से पूर्वांचल के किसानों को भी गेहूं समेत अन्य फसलों के नुकसान का सामना करना पड़ा है। पिछले एक सप्ताह में दो बार मौसम की मार झेल चुके किसानों के लिए अभी परेशानी कम नहीं हुई है। मौसम विज्ञानियों के पूर्वानुमान के अनुसार अभी भी आफत की बारिश का सामना करना पड़ सकता है। उधर यूपी सरकार ने पीड़ित किसानों को मुआवजे...
More »खबरदार
खास बात • गंगोत्री ग्लेशियर सालाना ३० मीटर की गति से सिकुड़ रहा है।* • अगर समुद्रतल की ऊंचाई एक मीटर बढ़ती है तो भारत में ७० लाख लोग विस्थापित होंगे।* • पिछले बीस सालों में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी जिवाश्म ईंधन के दहन से हुई है।* • मानवीय क्रियाकलापों के कारण ग्लोबल ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अगर औद्योगीकरण के पहले के समय से तुलना करें तो मानवीय क्रियाकलापों...
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