मोंगाबे हिंदी, 12 जनवरी असम में हाल ही में किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि चमगादड़ धान की फसल को होने वाले नुकसान को कम करने में सहायक हो सकते हैं। 2019 के साली (सर्दियों) चावल की किस्म पर किए गए इस अध्ययन में पाया गया कि कीटभक्षी चमगादड़ कीटों को संख्या को बढ़ने नहीं देते और चावल की फसलों को होने वाले नुकसान को कम करने में...
More »SEARCH RESULT
गुलाबी सुंडी के कारण आत्महत्या के कगार पर पहुंचे किसान, बीटी कपास को भी भारी नुकसान!
11 दिसम्बर, गाँव सवेरा राजस्थान में श्री गंगानगर जिले के 23 एमएल गांव के 40 वर्षीय शमशेर सिंह की दिनचर्या 25 सितंबर 2023 को आम दिनों की तरह ही थी। उन्होंने दोपहर 3.30 बजे सब्जी रोटी खाई, फिर एक झपकी ली। उसके बाद उठकर चाय पी। इस वक्त तक उनकी पत्नी जसविंदर कौर, उनके 17 वर्षीय बेटा जसविंदर और 11 व 14 साल की बेटियों जसप्रीत और पुष्पा कौर ने उनके...
More »छला महसूस कर रहे हैं बीटी कपास अपनाने वाले किसान
डाउन टू अर्थ,11 दिसम्बर राजस्थान में श्री गंगानगर जिले के 23 एमएल गांव के 40 वर्षीय शमशेर सिंह की दिनचर्या 25 सितंबर 2023 को आम दिनों की तरह ही थी। उन्होंने दोपहर 3.30 बजे सब्जी रोटी खाई, फिर एक झपकी ली। उसके बाद उठकर चाय पी। इस वक्त तक उनकी पत्नी जसविंदर कौर, उनके 17 वर्षीय बेटा जसविंदर और 11 व 14 साल की बेटियों जसप्रीत और पुष्पा कौर ने उनके...
More »कपास का शाप: गुलाबी सुंडी को नियंत्रित करने में मददगार साबित हो सकती है यह तकनीक
डाउन टू अर्थ, 01 नवम्बर देश के कपास उत्पादक राज्यों में किसान गुलाबी सुंडी से निपटने के लिए जूझ रहे हैं, जो फसलों पर कहर बनकर टूटा है। गुलाबी सुंडी को पिंक बॉलवर्म (पीबीडब्ल्यू) के नाम से भी जाना जाता है। हाल के वर्षों में देखें तो इस कीट ने किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है। यहां तक की आनुवंशिक रूप से संशोधित कीट-प्रतिरोधी कपास की किस्म, बीटी कॉटन (बोलगार्ड II...
More »कपास पर शाप: कैसे बीटी कपास के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गई गुलाबी सुंडी
डाउन टू अर्थ, 27 अक्टूबर गुलाबी सुंडी यानी पिंक बॉलवर्म के हमलों के चलते 2000 के दशक से भारतीय किसानों को अपनी कपास की फसल से लगातार नुकसान झेलना पड़ रहा है। वैज्ञानिकों को पता चला है कि इस कीट ने आनुवंशिक रूप से संशोधित बीटी कपास के प्रति भी प्रतिरोध विकसित कर लिया है। इससे पहले आप पढ़ चुके हैं कि गुलाबी सुंडी के कारण आत्महत्या के कगार पर पहुंचे किसान,...
More »