राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 मातृत्व लाभ के लिए गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए केंद्र सरकार द्वारा 6,000 रुपए/ - प्रति बच्चा की गारंटी देता है. इस अधिनियन में वह शामिल नहीं हैं, जो केंद्र सरकार या राज्य सरकारों या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के साथ या अन्य कानूनों के तहत नियमित रोजगार में रहते हुए इस तरह के लाभ उठा रहे हैं. एनएफएसए-2013 भी कानूनी...
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कोरोना महामारी ने मनरेगा के सामाजिक ऑडिट सिस्टम को प्रभावित किया है!
जब महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम (MGNREGA) - एक मांग-संचालित कार्यक्रम पर सार्वजनिक धन का एक बड़ा हिस्सा खर्च किया जाता है, तो वित्तीय गड़बड़ी और कुप्रबंधन की संभावना होती है. शुक्र है कि ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून में इस तरह की गड़बड़ियों को रोकने के लिए चेक और बैलेंस मौजूद हैं. यह ध्यान देने योग्य है कि महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम (MGNREGA) के तहत 2020-21 के लिए...
More »इंटरव्यू- यातना देते वक्त पुलिस ने कहा 'तुम दलित हो और उसी तरह बर्ताव करो': मजदूर नेता नौदीप
-आउटलुक, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के कुछ दिनों बाद, दलित श्रम अधिकार कार्यकर्ता नौदीप कौर ने आउटलुक से हिरासत में यातना और किसानों और श्रमिकों के अधिकारों के लिए लड़ने के अपने संकल्प के बारे में बात की। पिछले महीने एक विरोध प्रदर्शन के दौरान हरियाणा पुलिस ने 24 वर्षीय युवती को हत्या और अन्य लोगों के साथ जबरन वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया था। साक्षात्कार के कुछ अंश: आपने...
More »बिहार में दलितों के गांव भूप नगर में फ्लोराइड युक्त पानी से विकलांग होते लोग
-कारवां, देश की राजधानी दिल्ली जाने वाला नेशनल हाइवे-2 और बिहार के गया जिला के आमस प्रखंड मुख्यालय से दक्षिण की दिशा में महज पांच किलोमीटर की दूरी पर दलितों का भूप नगर गांव, जहां मुख्य रूप से मांझी और भोक्ता समाज के लोग रहते हैं, विकास की पहुंच से कोसो दूर दिखाई देता है. 22 वर्ष पूर्व यहां के लोगों को पता लगा कि समूचा गांव एक त्रासदी की चपेट में है,...
More »लॉकडाउन के बाद भी भुखमरी और सिकुड़ती आय के खतरे बरकरार!
11 राज्यों के 3,994 उत्तरदाताओं के बीच एक सर्वेक्षण के प्रारंभिक निष्कर्षों से पता चलता है कि अधिकांश कमजोर परिवारों और समुदायों, जैसे कि एससी, एसटी, ओबीसी, पीवीटीजी, झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाले, दिहाड़ी मजदूर, किसान, एकल महिला परिवार, इत्यादि में लॉकडाउन से पहले उनकी आय के स्तर की तुलना में सितंबर-अक्टूबर के दौरान उनकी आय कम रही है. राइट टू फूड कैंपेन और सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज (टेलीफोनिक सर्वेक्षण के...
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