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जलवायु परिवर्तन से जुड़ी कुछ बुनियादी बातें और शब्दकोश

कार्बनकॉपी, 01 अगस्त हमारी  जलवायु सूर्य, पृथ्वी और महासागरों, हवा, बारिश और बर्फ, तापमान, आर्द्रता,  वायुमंडलीय दबाव, समुद्र के तापमान, आदि से जुड़ी हुई प्रणाली है। इसमें विशेष रूप से औसत वायुमंडलीय तापमान में वृद्धि , दुनिया के किसी हिस्से में बारिश के पैटर्न में आया दीर्घकालिक बदलाव और मौसम यानी सर्दी/ गर्मी के  ग्राफ में असामान्य परिवर्तन ही सरल शब्दों में जलवायु परिवर्तन है। उदाहरण के लिए, प्रशांत सागर का...

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खबरदार

  खास बात • गंगोत्री ग्लेशियर सालाना ३० मीटर की गति से सिकुड़ रहा है।* • अगर समुद्रतल की ऊंचाई एक मीटर बढ़ती है तो भारत में ७० लाख लोग विस्थापित होंगे।* • पिछले बीस सालों में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी जिवाश्म ईंधन के दहन से हुई है।* • मानवीय क्रियाकलापों के कारण ग्लोबल ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अगर औद्योगीकरण के पहले के समय से तुलना करें तो मानवीय क्रियाकलापों...

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जेंडर

खास बात   साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38%  फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...

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वन संरक्षण अधिनियम में बदलाव, केंद्र वनवासियों की सहमति बिना पेड़ काटने की दे सकता है मंज़ूरी

द वायर हिन्दी, 10 जुलाई  वन संरक्षण अधिनियम-2022 के तहत लागू नए नियम बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं के लिए वन भूमि को डाइवर्ट करने की प्रक्रिया को सरल और संक्षिप्त बनाएंगे. इन नियमों के तहत जंगल काटने से पहले अनुसूचित जनजातियों और अन्य वनवासी समुदायों से सहमति प्राप्त करने की ज़िम्मेदारी अब राज्य सरकार की होगी, जो कि पहले केंद्र सरकार के लिए अनिवार्य थी. केंद्र सरकार द्वारा जंगलों को काटने...

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महामारी के समय में बजट और राजनीति

-आइडियाज फॉर इंडिया, हाल ही में वर्ष 2022-23 के लिए घोषित बजट को राजनीतिक अर्थव्यवस्था के चश्मे से देखते हुए, यामिनी अय्यर तर्क देती हैं कि महामारी के दौरान घोषित किये गए दोनों बजटों में कल्याण से ज्यादा पूंजीगत व्यय पर दिया गया जोर "बाजार के अनुकूल सुधारों" की ओर राजनीतिक आख्यान में बदलाव का सिलसिला मात्र है जो 2019 में मोदी सरकार के फिर से चुने जाने के साथ शुरू...

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