-न्यूजलॉन्ड्री, ‘‘10 दिन हो गए हैं काम नहीं मिला. आज भी सुबह सात बजे यहां आ गया था, लेकिन अब दस बज गए. एक-दो घंटे और इंतज़ार करेंगे फिर कमरे पर चले जाएंगे.’’ यह कहना है पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के रहने वाले 22 वर्षीय सुखसागर मंडल का. लॉकडाउन लगने के बाद मंडल आठ दिन पैदल चलकर अपने घर पहुंचे थे. इनसे हमारी मुलाकात नोएडा के हरौला मार्केट स्थित लेबर...
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“हालिया कृषि कानून देश के किसानों के साथ गद्दारी हैं,” किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी
-कारवां, हरियाणा और पंजाब के किसान संसद में पारित हुए तीन कृषि कानूनों (कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, 2020, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार कानून, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून, 2020) के खिलाफ आंदोलित हैं. हरियाणा में इन दिनों चल रहे किसान आंदोलन की अगुवाई भारतीय किसान यूनियन (चढूनी)के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी कर रहे हैं जो पिछले 30 सालों से हरियाणा में किसान आंदोलन...
More »क्या दूसरी पत्नी को पति की संपत्ति में अधिकार है?
-बीबीसी, हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट के सामने एक अनोखा मामला आया. मामला था कि अगर पति की मौत हो जाती है और उन्होंने दो शादियाँ की हैं तो तो मौत के बाद मिलने वाले सरकारी मुआवज़े का हक़दार कौन होगा, पहली पत्नी या दूसरी पत्नी? महाराष्ट्र रेलवे पुलिस में काम करने वाले एक सब-इंस्पेक्टर की मौत कोविड-19 से हो गई थी. वहीं राज्य सरकार ने कोविड-19 के दौरान ड्यूटी करने वाले सरकारी...
More »बेदम होती स्वास्थ्य व्यवस्था : कोविड-19 संकट में तपेदिक के सबक
-कारवां, {1} दिसंबर 2019 में डॉ. आनंदे वुहान से आने वाली खबरों पर व्याकुलता के साथ नजरें जमाए हुए थे. चीन के शहरों में सार्स जैसा एक रहस्यमय वायरस फैल रहा था. उस समय अपने डॉक्टर मित्रों के साथ होने वाली चर्चा को याद करते हुए आनंदे ने मुझे बताया, “मैंने सुना कि वह वायुजनित बीमारी थी. हम सुन रहे थे कि रोगियों में खांसी, बुखार आदि जैसे ही लक्षण हैं.” आनंदे की...
More »फैक्ट चैक : कोरोनावायरस लॉकडाउन में मोदी सरकार के दस बड़े झूठ
-कारवां, 24 मार्च को जब केंद्र सरकार ने नोवेल कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की तो सरकार के प्रतिनिधियों और मंत्रियों ने अपनी राजनीति को सही ठहराने और आलोचना से पल्ला छुड़ाने के लिए जनता के बीच लगातार आधी-अधूरी और झूठी बातें प्रचारित की. अधिकारियों ने जो दावे किए उनमें से कई जमीनी रिपोर्टों से मेल नहीं खाते. देश के कई हिस्सों में भूख और भुखमरी...
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