गोबर्धना (पच) संवाद सूत्र : बीड़ी के धुएं में घुटती जिंदगी। रामनगर के सोनखर पंचायत का शिवपुरवा गांव कुछ ऐसा ही बंया कर रहा है। लगभग दो सौ परिवारों का बंगाली बाहुल्य रिफ्यूजी परिवार जिसे सरकार के तरफ से चार एकड़ 18 डिसमिल जमीन जीवन यापन के लिए बंगला देश एवं पाकस्तिान बंटवारे के समय मिला हुआ था। आज बटते परिवारों के बीज जमीन के कई टुकड़े हो चुके हैं।...
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तुम केवल एक छवि हो?- गोपालकृष्ण गांधी
‘तुमि की केबोलि छोबि?’ (तुम क्या केवल एक छवि हो?) कविगुरु रबींद्रनाथ टैगोर अपनी एक रचना में अपने सामने रखी एक छवि से पूछते हैं। उस प्रश्न का संदर्भ अपने में कुछ है। प्रश्न का उत्तर भी, जो कि वे स्वयं देते हैं, अपने में मौलिक है। दो हजार ग्यारह के अपने इस अंतिम स्तंभ में वही प्रश्न मैं, अदना-सा एक इंसान, भारत माता की छवि से पूछना चाहता हूं...
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