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दुनिया का दम निकालने वाले कोरोना संकट ने धनकुबेरों के भंडार में इस कदर बढ़ोतरी कैसे कर दी?

कोविड-19 ने भारत सहित पूरी दुनिया में अमीर-गरीब के बीच की खाई को और चौड़ा कर दिया है. ऑक्सफैम की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक इस संकट के दौरान देश के अरबपतियों की दौलत में करीब 35 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इसका एक मतलब यह भी है कि बीते साल मार्च से भारत के 100 सबसे अमीर लोगों ने जितनी दौलत कमाई है वह अगर देश के सबसे गरीब...

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मोदी लोकप्रिय हैं, भाजपा जीतती रहती है, लेकिन भारत के इंडीकेटर्स और ग्लोबल रैंकिंग चिंताजनक है

-द प्रिंट, एक तकलीफदेह साल खत्म होने को है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए चिंताएं खत्म नहीं होती दिख रही हैं. भारत कई प्रमुख सूचकांकों पर पहले के मुक़ाबले बुरी स्थिति में दिख रहा है, और इनके लिए हम कोरोना महामारी वाले साल को जिम्मेदार नहीं मान सकते हैं. आप सवाल कर सकते हैं कि किसी सरकार के सातवें साल में उसका आकलन करने की क्या जरूरत आ पड़ी? अगला आम...

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जिस टेलिकॉम ने मुकेश अंबानी को नई बुलंदियां दी हैं उसी ने अनिल अंबानी को सड़क पर कैसे ला दिया?

-सत्याग्रह, 1920 के दशक में शुरू हुई डासलर ब्रदर्स शू फैक्ट्री नाम की एक कंपनी ने कुछ ही साल में जर्मनी में धूम मचा दी थी. खिलाड़ियों के लिए जूते बनाने वाली इस कंपनी को एडोल्फ और रुडोल्फ नाम के दो भाई चलाते थे. एडोल्फ ने कंपनी शुरू की थी और बाद में उनके बड़े भाई रुडोल्फ भी उनके साथ आ गए. सब बढ़िया चल रहा था. लेकिन दूसरे विश्व युद्ध...

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भारत के पास नहीं हैं सही और प्रामाणिक कृषि आंकड़े- सिराज हुसैन

हाल ही में वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन में, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा, ‘नई दुनिया में डेटा (आंकड़े) एक नए तेल (ऑयल) की तरह है. आंकड़े नई संपदा (वेल्थ) है. भारतीय आंकड़ों का नियंत्रण और स्वामित्व भारतीय लोगों के पास होना चाहिए. कंपनियों, विशेष रूप से विदेशी कंपनियों के पास नहीं.' आज के समय में डिजिटल मनी, ऑनलाइन शॉपिंग और स्मार्ट फोन का इस्तेमाल कर रहे मध्य वर्ग...

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कंप्यूटर पर निगरानी या चुनावी दखल

डेटा की सुरक्षा और प्राइवेसी के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के नौ जजों ने सामूहिक सहमति से अगस्त 2017 में एक बड़ा फैसला दिया था. इसके बाद जस्टिस श्रीकृष्णा समिति की विस्तृत सिफारिशों पर कानून में समग्र बदलाव की बजाय टुकड़ों में किये जा रहे सरकारी प्रयास, आलोचना के शिकार हो रहे हैं. भीड़ की हिंसा को रोकने के नाम पर सरकार द्वारा सोशल मीडिया...

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