SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 545

चारा संकट की जड़ें, भाग एक: हरित क्रांति के समय से शुरू हो गई थी समस्या

डाउन टू अर्थ, 15 मई  भारत विश्व की 20 प्रतिशत पशुधन आबादी के साथ सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाला देश है। संयुक्त राष्ट्र के कृषि एवं खाद्य संगठन के अनुसार, यहां के 70 प्रतिशत परिवार आजीविका के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कृषि एवं इससे जुड़े व्यवसाय पर निर्भर हैं। पशुपालन आदि काल से ही मानव सभ्यता के साथ जुड़ा रहा है, परंतु पिछले कुछ सालों में चारे की बढ़ती...

More »

थोक महंगाई शून्य से नीचे आई, 34 महीने बाद निचले स्तर पर पहुंची

रूरल वॉयस, 15 मई खाद्य उत्पादों, खनिज तेलों, बुनियादी धातुओं की कीमतों में गिरावट के चलते लगभग तीन वर्षों में पहली बार थोक महंगाई घटकर शून्य से नीचे पहुंच गई है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में थोक मूल्य आधारित महंगाई की दर गिरकर (-) 0.92 फीसदी पर पहुंच गई। मार्च में थोक महंगाई 1.34 फीसदी थी। जून 2020 के बाद...

More »

जलवायु परिवर्तन का पहला शिकार हो रहे हैं किसान

डाउन टू अर्थ, 28 फरवरी अब यह बात किसी से छिपी नहीं है कि चरम अथवा अप्रत्याशित मौसमी घटनाओं से किसानों की आय को नुकसान पहुंचता है। जलवायु परिवर्तन से होने वाली इस आर्थिक क्षति को व्यापक स्वीकार्यता मिल चुकी है। किसान ही जलवायु परिवर्तन को सबसे पहले महसूस करता है जो अंतत: समग्र किसी उत्पादन को प्रभावित करता है और खाद्य मुद्रास्फीति को बढ़ाने में योगदान देता है। खाद्य पदार्थों की...

More »

किसान तक नहीं पहुँच पाएगा एथेनाॅल परियोजना का फायदा!

सत्य हिंदी, 10 फरवरी अगले आम चुनाव से पहले केंद्र सरकार अपनी जिन योजनाओं में तेजी ला रही है उनमें से एक है एथेनाॅल परियोजना। इस परियोजना से यह उम्मीद बांधी जा रही है कि जल्द ही सरकार 300 अरब रुपये की विदेशी मुद्रा बचा लेगी। सरकार ने पेट्रोल में बीस फ़ीसदी एथेनाॅल मिलाने का कार्यक्रम लांच कर दिया है। 11 राज्यों के चुनिंदा शहरों में अब ऐसा पेट्रोल उपलब्ध है...

More »

सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए साल भर नेताओं और सरकारी बाबुओं से भिड़ते रहे किसान!

गाँव सवेरा , 27 दिसंबर एक ओर राज्य सरकार साल भर किसानों की आय दोगुनी करने का दावा करते हुए कृषि क्षेत्र के विकास पर जोर देने की बात करती रही वहीं दूसरी ओर किसान खराब फसलों के मुआवजे, एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और खड़े पानी की निकासी जैसे मुद्दों से जूझते रहे. इन सब दिक्कतों के चलते किसान अपनी आय बढ़ाने के प्रयास में नई खेती नहीं अपना सके और...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close