डाउन टू अर्थ, 20 नवम्बर दुनिया में खसरे का खतरा एक बार फिर पैर पसार रहा है। रिपोर्ट से पता चला है कि 2021-22 के बीच खसरे से होने वाली मौतों में 43 फीसदी का इजाफा हुआ है। गौरतलब है कि 2022 में खसरे से 136,000 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से ज्यादातर बच्चे थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने अपनी इस...
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कटी हुई अँगुलियाँ और चमचमाती कारें
क्या आप जानते हैं कि आपकी कार बनाते समय कितने लोगों की अँगुलियाँ कट गई थी ? आपने जिस भी कंपनी से कार खरीदी है, क्या वहाँ सुरक्षा मानकों की पालना की जा रही थी ? मजदूरों की सुरक्षा के लिए कौनसे कदम उठाएँ गए हैं ? क्या वो पर्याप्त हैं ? इसी तरह के सवाल का ज़वाब तलाशती है– ‘सेफ इन इंडिया’ की रिपोर्ट – सेफ्टी–नीति 2023 और CRUSHED 2022. ऑटो–मोबाइल क्षेत्र,...
More »मॉनसून 2023: हिमाचल में एक बार फिर भारी बारिश, 24 घंटे में 21 लोगों की मौत
डाउन टू अर्थ , 17 अगस्त हिमाचल प्रदेश में पिछले 24 घंटों से हो रही लगातार बारिश और बादल फटने की घटनाओं से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। प्रदेश में पिछले 24 घंटे में भूस्खलन और बादल फटने की वजह से 21 लोगों की जानें चली गई हैं, जबकि अभी भी कई लोगों के इसमें फंसे होने की आशंका है। 14 अगस्त 2023 की सुबह शिमला शहर के समरहिल इलाके में...
More »बिहार: किशनगंज पर जलवायु परिवर्तन की मार, खेतों में ही जल जा रही हैं फसलें
जनचौक, 3 जुलाई नीति आयोग 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, किशनगंज बिहार का सबसे गरीब जिला है। जिसकी 64.75 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे रहती है। उसके बाद कटिहार का नंबर आता है। वहीं जलवायु परिवर्तन से संबंधित ‘क्लाइमेट वल्नरेबिलिटी असेसमेंट फॉर एडाप्टेशन प्लानिंग इन इंडिया यूजिंग ए कॉमन फ्रेमवर्क’ के अनुसार भारत में जलवायु परिवर्तन का सबसे अधिक खतरा जिन 50 जिलों में हैं। उनमें से चौदह बिहार में...
More »बेड़ियों और यातनाओं में गुज़रता बचपन जिससे नहीं मूंदी जा सकती हैं आंखें
द प्रिंट, 12 जून बाल मज़दूरी—ये दो शब्द एक साथ कहां मेल खाते हैं? फिर भी यह एक ऐसी सच्चाई है जिससे हम आंख नहीं मूंद सकते. बाल मजदूर एक समाज के रूप में हमारी सामूहिक विफलता तो उद्गाटित करते ही हैं, हमारी संवेदना और नैतिक मूल्यों पर भी तमाम सवाल खड़े करते हैं. हम सिर्फ नंबरों की बात करते हैं, लेकिन हमेशा भूल जाते हैं कि हर बाल मजदूर का...
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