जिस रफ्तार से मिट्टी की उर्वरता में ह्रास हो रहा है उसे देखते हुए आने वाले वर्षों में खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य हासिल हो पाएगा इसमें संदेह है। मांग के अनुरूप अन्न पैदावार में बढ़ोतरी की चुनौती तो भविष्य की बात है, कुपोषण की व्यापकता तो हमें कब का घेर चुकी है। यही कारण है कि भरपेट खाने के बावजूद कमजोरी महसूस होती है। परिवार के बुजुर्ग यह शिकायत करते...
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रकबा घटा तो ईजाद किया नया फॉर्मूला- बीज बोएं आधा, उत्पादन दोगुना
रायपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। छत्तीसगढ़ समेत देशभर में जहां खेती का रकबा घटने से किसान संकट में हैं, वहीं कृषि वैज्ञानिकों ने अब किसानों के तनाव को खत्म करने का काम शुरू कर दिया है। इंदिरा गांधी कृषि विवि के वैज्ञानिकों ने चना बोने की एक ऐसी तकनीकी विकसित कर डाली है, जिससे उतनी ही जमीन पर करीब 40 फीसदी अधिक चने का उत्पादन किया जा सकेगा। साथ ही बीज भी पहले...
More »भूजल की फिक्र किसे है-- दीपक रस्तोगी
विज्ञान पत्रिका ‘नेचर जियोसाइंस' का यह खुलासा चिंतित करने वाला है कि सिंधु और गंगा नदी के मैदानी क्षेत्र का तकरीबन साठ फीसद भूजल प्रदूषित हो चुका है। उसका दावा है कि चार दक्षिण एशियाई देशों में फैले इस विशाल क्षेत्र का पानी न तो पीने योग्य बचा है और न ही सिंचाई योग्य। हालत यह है कि कहीं भूजल सीमा से अधिक खारा हो चुका है तो कहीं उसमें...
More »हिमालय का बिगड़ता मिजाज--- ममता सिंह
हिमालय की अनदेखी शुरू से ही हो रही है। बार-बार केंद्र पर निर्भर हिमालयी राज्यों का तंत्र हिमालय की गंभीरता और हिमालय से चल सकने वाली स्थायी जीवन शैली और जीविका को भी भुलाते जा रहे हैं। आयातित परियोजनाओं ने हिमालय में अतिक्रमण, प्रदूषण और आपदा की स्थिति पैदा कर दी है जिसके फलस्वरूप हिमालय टूट रहा है। हिमालय न केवल भारत, बल्कि दक्षिण एशिया के सभी देशों के लिए जल...
More »हजारों किसानों के बीच मोदी ने सीहोर में लांच किया फसल बीमा योजना
भोपाल/ सीहोर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के शेरपुर में आज नयी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के परिचालन दिशा निर्देश आधिकारिक तौर पर जारी कर दिया. इस आयोजन में लगभग डेढ़ लाख किसान जुटे हैं, जो राज्य के विभिन्न हिस्सों से आये हैं. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी का अभिनंदन भी किया गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में किसानों को कहा कि आप लोग मुझ...
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