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साल 2022 में 4 करोड़ बच्चों को मजबूरी में छोड़ना पड़ा अपना घर, ये थी वजह?

डाउन टू अर्थ, 22 जून  संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के मुताबिक 2022 में करीब 4.33 करोड़ बच्चों को जबरन विस्थापित होने का दंश झेलना पड़ा था। विस्थापित बच्चों का यह आंकड़ा 2022 में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। गौरतलब है कि अपने घरों को छोड़ जबरन विस्थापित हुए बच्चों की संख्या पिछले दशक में बढ़कर दोगुनी हो गई है। इनमें से 1.2 करोड़ बच्चे वो थे जिनकों बाढ़, सूखा, तूफान...

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पोषण की दरकार: अपनी उम्र के लिहाज से ठिगने हैं 31.7 फीसदी भारतीय बच्चे, इस मामले में भी है देश अव्वल

डाउन टू अर्थ, 26 मई भारत में कुपोषण की जो स्थिति है वो किसी से छिपी नहीं है। यहां बहुतों को तो पेट भर खाना भी नहीं मिलता और जिनको मिल भी रहा है उनके भोजन में पोषण की भारी कमी है। इसका खामियाजा नन्हें बच्चों को उठाना पड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी नई रिपोर्ट ने भारत में पोषण की स्थिति को लेकर हैरान कर देने वाले आंकड़े जारी किए...

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जीरो-डोज बच्चों के मामले में पहले नंबर पर भारत, जीवन रक्षक टीकों से पूरी तरह वंचित हैं 27 लाख बच्चे

डाउन टू अर्थ, 20 अप्रैल  दुनिया में जीरो-डोज बच्चों के मामले में भारत पहले स्थान पर है। जहां 27 लाख बच्चों को जीवन रक्षक टीकों की एक भी खुराक नहीं मिली है। देखा जाए तो आजादी के 75 वर्ष बाद भी देश में स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति दयनीय है, जोकि चिंता का विषय है। यदि महामारी से पहले के आंकड़ों को देखें तो जहां देश में शून्य-खुराक वाले बच्चों की संख्या 13...

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पांच साल की उम्र में शादी, 13 में मां और 20 की उम्र में विधवा: राजस्थान में बाल वधुओं का संघर्ष

इंडियास्पेंड, 23 मार्च अनाछी तब महज पांच साल की थीं जब उनकी शादी 13 साल के लड़के से कर दी गई। "मैंने एक प्लेट पर शादी की थी," वह याद करती हैं। यहां यह एक परंपरा है ज‍िसमें माता-पिता अपने बच्चों को एक थाली में बिठाते हैं और फिर वे उन थालियों का आदान-प्रदान करते हैं ज‍िसके बाद बच्चों को विवाहित मान ल‍िया जाता है। "मुझे अपनी शादी के बारे में कुछ...

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बिहार: छात्रा के सैनेटिरी नैपकिन की मांग पर आईएएस अधिकारी बोलीं- कल निरोध भी मुफ़्त में देना होगा

द वायर, 29 सितम्बर बिहार की राजधानी पटना में के लिए आयोजित एक जागरुकता कार्यक्रम में एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के असंवेदनशील और अभद्र जवाबों को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. दैनिक भास्कर के अनुसार, मंगलवार को महिला एवं बाल विकास निगम द्वारा यूनिसेफ, सेव द चिल्ड्रेन एवं प्लान इंटरनेशनल के साथ संयुक्त रूप ‘सशक्त बेटी, समृद्ध बिहार: टोवर्ड्स एन्हैन्सिंग द वैल्यू ऑफ गर्ल चाइल्ड’ विषय पर एक वर्कशॉप आयोजित किया...

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