इस समय भारत के आर्थिक माहौल के बारे में दो प्रतिस्पद्र्धी कहानियां हैं। दोनों की प्रकृति भले ही एक-दूसरे से अलग हो, लेकिन हैं दोनों सही। जेपी मॉरगन के मुख्य अर्थशास्त्री साजिद जेड चिनॉय की इन्हीं पंक्तियों के साथ आज मैं अपनी बात शुरू करना चाहता हूं। चिनॉय का यह लेख 19 जुलाई को मिंट में प्रकाशित हुआ था। शीर्षक था- इंडियन इकोनॉमी : अ टेल ऑफ टू नैरेटिव्स। जिन पाठकों...
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कहां बैठेगी पंचायत, कहां पर लगेगी ग्राम कचहरी
पटना : राज्य में पंचायत चुनाव के बाद गांव की सरकारों का गठन होनेवाला है. 30 जून के बाद ग्रामसभा और पंचायतों की बैठकें कहां होंगी. ग्रामसभा कहां बुलायी जायेगी. कचहरी किस स्थान पर लगेगी. राज्य में 8391 ग्राम पंचायत व ग्राम कचहरी अब प्रभावी हो जायेंगी. अब तक 10% पंचायतों के पास भी पंचायत सरकार भवन नहीं हैं. राज्य सरकार ने 2012-13 से पंचायत सरकार भवनों के निर्माण की...
More »ताकि बैंकों की साख कायम रहे- एन के सिंह
हेनरी पॉलसन के मुताबिक, 'अगर कोई आर्थिक-तंत्र बिखरता है, तो फिर उसे पटरी पर लाना वाकई बहुत-बहुत मुश्किल हो जाता है।' भारत का वित्तीय क्षेत्र अभी गंभीर संकट में उलझा हुआ है। और यह संकट मुख्यत: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों, यानी एनपीए के कारण पैदा हुआ है। 31 दिसंबर, 2015 तक 24 सूचीबद्ध सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल एनपीए 3,93,035 करोड़ रुपये था। अगर इसमें जोखिम वाले...
More »नये कालाधन कानून के तहत अब तक 6,500 करोड रुपये का खुलासा : नरेंद्र मोदी
नयी दिल्ली : देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि कालाधन के संबंध में सख्त कानून बनने के बाद से अब तक 6,500 करोड रुपये की अघोषित संपत्ति का खुलासा हुआ है और इसके 'साइड इफेक्ट' के बावजूद यह अभियान चलता रहेगा. प्रधानमंत्री ने कालेधन की समस्या से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाये गये कदमों का जिक्र करते हुए...
More »बिजली की राह में सब्सिडी का झटका- नूर मुहम्मद
मोदी सरकार ने वायदा किया है कि अगले पांच वर्षों में हर घरों में चौबीस घंटे बिजली पहुंचाई जाएगी। इसके लिए उन्होंने पारेषण (ट्रांसमिशन) संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए मेगा योजना की शुरुआत भी की है। लेकिन बिजली वितरण कंपनियों की अनिश्चित वित्तीय हालत इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य की राह में बड़ी रुकावट साबित हो सकती है। स्थिति यह है कि सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाताओं से 1.93 लाख...
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