मोंगाबे हिंदी, 3 दिसम्बर जलवायु परिवर्तन के टाले ना जा सकने वाले प्रभावों का सामना कर रहे कमजोर देशों की जरूरतों पर एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, वार्षिक संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन 30 नवंबर को असाधारण रूप से सकारात्मक तरीके से शुरू हुआ। पार्टियों के 28वें सम्मेलन (कॉप28) ने जलवायु संकट से होने वाले नुकसान और क्षति को संबोधित करने के लिए समर्पित एक फंड लॉन्च किया। यह फंड विकासशील...
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कपास का शाप: गुलाबी सुंडी को नियंत्रित करने में मददगार साबित हो सकती है यह तकनीक
डाउन टू अर्थ, 01 नवम्बर देश के कपास उत्पादक राज्यों में किसान गुलाबी सुंडी से निपटने के लिए जूझ रहे हैं, जो फसलों पर कहर बनकर टूटा है। गुलाबी सुंडी को पिंक बॉलवर्म (पीबीडब्ल्यू) के नाम से भी जाना जाता है। हाल के वर्षों में देखें तो इस कीट ने किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है। यहां तक की आनुवंशिक रूप से संशोधित कीट-प्रतिरोधी कपास की किस्म, बीटी कॉटन (बोलगार्ड II...
More »वर्ल्ड हेल्थ असेंबली: मूल निवासियों के स्वास्थ्य को सशक्त करने के लिए ऐतिहासिक संकल्प को मंजूरी
डाउन टू अर्थ, 01 जून वर्ल्ड हेल्थ असेंबली ने अपने 76वें सत्र में मूल निवासियों के स्वास्थ्य को सशक्त करने के लिए ऐतिहासिक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव के तहत मूल निवासियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक वैश्विक कार्य योजना को तैयार करने और उसे 2026 में वर्ल्ड हेल्थ असेंबली के 79वें सत्र में प्रस्तुत करने का आह्वान किया है। असेंबली ने कहा है कि इस...
More »लंपी रोग फिर लौटा, चार राज्यों में फैला, बगैर वैक्सीनेशन के स्थिति बदतर होने की आशंका
रूरल वॉयस, 19 मई पिछले साल मई और जून में देश के दर्जन भर राज्यों में करीब एक लाख गौवंश की बलि लेने वाले लंपी स्किन रोग (एलएसडी) ने इस साल भी दस्तक दे दी है। आने वाले दिनों में इसके तेजी से फैलने की आशंका है क्योंकि यह रोग इसी समय फैलता है। इस समय लंपी रोग का सबसे अधिक असर उत्तराखंड में है। हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में...
More »प्रकृति के बचाव के लिए नए वैश्विक लक्ष्यों को कैसे पूरा करेगा भारत?
द थर्ड पोल, 11 अप्रैल दिसंबर 2022 में दुनिया की सरकारें हर जगह जैव विविधता यानी जंगली पौधों और जानवरों के तेज़ी से गायब होने की समस्या से निपटने के लिए कई कार्रवाइयों पर सहमत हुईं। कुछ विशेषज्ञों ने द् थर्ड पोल को बताया कि भारत को इन लक्ष्यों को असलियत बनाने में कुछ चीज़ों पर ध्यान देना होगा। जैसे: हैबिटैट संपर्क, ऐसे इकोसिस्टम जिन पर ध्यान नहीं दिया गया और...
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