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मशीनों से की जा रही अंधाधुंध खेती से संकट में पड़े स्टेपी और लिटिल बस्टर्ड पक्षी

डाउन टू अर्थ, 24 जनवरी  मानवजनित कारणों से लुप्तप्राय स्टेपी-लैंड पक्षी और लिटिल बस्टर्ड को बचाने के लिए वैज्ञानिक, किसान और संरक्षणकर्ताओं के बीच सहयोग महत्वपूर्ण है। प्राकृतिक आवासों में कमी, सिंचाई में वृद्धि और शहरीकरण के कारण सतही क्षेत्र कम हो गए हैं, जो इस कमजोर प्रजाति के अस्तित्व के लिए अहम हैं। जर्नल बायोलॉजिकल कंजर्वेशन में प्रकाशित एक शोध से पता चलता है कि लिटिल बस्टर्ड की सबसे अधिक खतरे...

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राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है नैनो यूरिया

डाउन टू अर्थ, 12 जनवरी अंतराष्ट्रीय और राष्ट्रीय कृषि वैज्ञानिको ने छद्म कृषि विज्ञान के नैनो यूरिया को राष्ट्रीय खाध्य सुरक्षा के लिए खतरा और किसानो का खुला शोषण बताया. पंजाब कृषि विश्वविधालय, लुधियाना द्वारा ताजा प्रकाशित अनुसंधान के अनुसार ईफको की नैनो यूरिया तकनीक अपनाने से गेंहू की पैदावार मे 21.6 प्रतिशत और धान की पैदावार में 13 प्रतिशत कमी दर्ज हुई। इसके अतिरिक्त गेहूं और धान के दानों में...

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तम‍िलनाडु: बदलते मौसम का असर, पारंपर‍िक धान की खेती से दूर जा रहे क‍िसान

इण्डियास्पेंड, 20 दिसम्बर  तमिलनाडु के ज‍िला तंजावुर की पंचायत ओझुगासेरी में रहने वाले दिनेश पांडीदुरई और उनके जैसे कई अन्य किसानों ने गर्मी ने लगने वाली धान की क‍िस्‍म सांबा ना लगाने का फैसला किया है। लंबे समय तक ज्‍यादा गर्मी और उसके बाद मानसून सीजन में अच्‍छी बार‍िश ना होने की वजह से इस क्षेत्र का भूजल सूख गया है। पानी की द‍िक्‍कत उन खेतों में भी है जो कोल्लीडैम नदी...

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कॉप 28: दुबई जलवायु सम्मेलन में किन मुद्दों पर रहेगी दुनिया की नज़र

द थर्ड पोल, 07 दिसम्बर  जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन यानी यूएनएफसीसीसी के वार्षिक जलवायु शिखर सम्मेलन को लेकर, यूएनएफसीसीसी के ही एक पूर्व प्रमुख कहते है कि जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिहाज़ से इसे काफ़ी नहीं कहना चाहिए, लेकिन इसके बिना हालात और भी खराब होंगे।  कुछ हफ्ते पहले, यूएनएफसीसीसी ने अभी तक की राष्ट्रीय जलवायु प्रतिज्ञाओं का एक नया विश्लेषण, एनडीसी सिंथेसिस रिपोर्ट, प्रकाशित की। यह...

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चक्रवात मिचौंग का प्रकोप: दक्षिणी ओडिशा के जिलों में धान को भारी नुकसान

डाउन टू अर्थ, 07 दिसम्बर   चक्रवात मिचौंग के कारण हुई बारिश के कारण दक्षिणी ओडिशा के जिलों में धान को भारी नुकसान हुआ है। मिचौंग 5 दिसंबर को आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तट पर नेल्लोर और मछलीपट्टनम के बीच बापटला के करीब टकराया है। पिछले दो दिनों में बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने दबाव के कारण दक्षिण और तटीय ओडिशा के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई,...

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